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रेप रोकने के लिए महिलाओं ने PM मोदी को लिखी साढ़े पांच लाख चिट्ठियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बच्चियों व महिलाओं ने अपने ‘मन की बात’ सुनाने के लिए पांच लाख 55 हजार...
रेप रोकने के लिए महिलाओं ने PM मोदी को लिखी साढ़े पांच लाख चिट्ठियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बच्चियों व महिलाओं ने अपने ‘मन की बात’ सुनाने के लिए पांच लाख 55 हजार चिट्ठियां प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपे हैं। इन पत्रों में बच्चियों व महिलाओं ने बलात्कारियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की है।

साढ़े पांच लाख महिलाओं द्वारा लिखी गई इन चिट्ठियों में उन्होंने नरेंद्र मोदी से अपनी पीड़ा बताते हुए सख्त कानून बनाने की अपील की, ताकि महिलाओं और बच्चियों के प्रति लोगों का नजरिया बदल सके। बुधवार दोपहर 12 बजे आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद 6 ऑटो और 10 कार में ये लेटर लेकर सदस्यों के साथ पीएमओ के लिए निकलीं। इस सूचना मिलते ही पुलिस ने रास्ते में उन्हें रोका और मंदिर मार्ग थाने ले गई। यहां से दोपहर तीन बजे उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय ले गई, जहां पीएमओ के अधिकारी ने उनकी मांगों वाली चिट्ठियों को लिया।

इसकी जानकारी दे दी गई थी: आयोग

आयोग के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय को इसकी जानकारी दे दी गई थी। इसके लिए 12 बजे से 2 बजे का समय दिया गया था। आयोग के अनुसार, महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को विजय चौक पर ही रोक लिया गया और आरोप है कि उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। इस वजह से उनके बाएं हाथ में चोट लगी है और उनका हाथ नहीं उठ रहा।

डीसीडब्ल्यू ने पुल्स पर लगाया ये आरोप

इस घटना के बाद दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने आरोप लगाया कि आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल के साथ पुलिस ने उस वक्त हाथापाई की जब वह अन्य प्रतिनिधियों के साथ ‘रेप रोको’ अभियान के तहत देशभर से आए पांच लाख 55 हजार पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपने के लिए मार्च कर रही थीं।

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बताया कि डीसीडब्ल्यू को पीएमओ की तरफ मार्च निकालने की अनुमति नहीं थी, लेकिन बाद में यह सुनिश्चित किया गया कि पीएमओ के रिसेप्सन पर पत्र जमा किया जा सके।

रेप मामलों में मौत की सजा देने की मांग  

पत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित करके लिखे गए हैं और बच्चियों से बलात्कार के मामलों को छह महीने के भीतर पूरा करने की मांग की गई है। पत्र में बलात्कार के मामलों में मौत की सजा देने की भी मांग की गई है।

इस पूरे मामले पर पुलिस ने कहा कुछ ऐसा

पीटीआई के मुताबिक, पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) मधुर वर्मा ने बताया, उन्हें पीएमओ तक जाने की अनुमति नहीं थी। हमें भी उनके पहुंचने के बारे में कोई पूर्व सूचना नहीं थी। उन्हें रोका गया और इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने और संसद सत्र जारी रहने के कारण आगे नहीं जाने का आग्रह किया गया।

उन्होंने बताया कि वे सुनने को तैयार नहीं थे। उन्हें एक बस में सवार होने के लिए कहा गया और हिरासत में ले लिया गया।  पुलिस आयुक्त ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने पत्रों को सौंपना सुनश्चित किया। उन्होंने बताया, महिला सदस्यों को महिला पुलिस कर्मचारी बस में ले गई, लेकिन कुछ सदस्य मानने के लिए तैयार नहीं हुए। उन्हें बचाने के प्रयास में पुलिसकर्मी घायल हो गए।

स्वाति ने लगाए जख्मी होने के आरोप

हालांकि, स्वाति ने जख्मी होने के आरोप लगाए, लेकिन पुलिस ने कहा कि लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में उनकी चिकित्सा जांच की गई, जिसमें कोई भी नया बाहरी चोट नहीं पाया गया। जनवरी में आठ महीने की बच्ची के साथ जघन्य बलात्कार के बाद डीसीडब्ल्यू ने ‘रोप रोको अभियान’ की शुरूआत की थी।

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