अलगाववादी नेता यासीन मलिक के दस्तावेजों में एक संख्या के चलते राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को शुक्रवार को दिल्ली के हृदय रोग विशेषज्ञ उपेंद्र कौल को सफाई के लिए तलब करना पड़ा।
लगभग दो दशक से विभिन्न हृदय रोगों को लेकर मलिक का इलाज कर रहे कौल ने एनआईए को बताया कि अलगाववादी नेता से संबंधित कागजात में जो संख्या दी गई है, वह एक ब्लड टेस्ट का नंबर है और इसका अर्थ ‘करोड़ों रुपये’ नहीं है।
हृदय रोग विशेषज्ञ ने कहा कि वह एनआईए मुख्यालय से 30 मिनट में बाहर आ गए।
कौल ने पूछताछ के बाद कहा, ‘‘मैंने उन्हें बताया कि संबंधित नंबर (मलिक के) ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट से संबंधित है, न कि धन से। अधिकारी बात को मान गए, बस इतना ही हुआ।’’
बता दें कि मलिक आतंकवाद के टेरर फंडिंग समेत दो मामलों में तिहाड़ जेल में बंद हैं। वहीं कौल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने के केंद्र के फैसले और राज्य में संचार सुविधाओं को सस्पेंड करने के आलोचक रहे हैं।
मलिक के डॉक्टर रहे हैं कौल
उन्होंने एनआईए को बताया कि मलिक उनके मरीज रहे हैं और उन्होंने उनसे हृदय से जुड़ी दिक्कत को लेकर सलाह लिया था। दस्तावेजों में प्रविष्टि उसी से संबंधित है।
एनआईए आतंकवाद की वित्तीय मदद किए जाने से संबंधित मामले की कर रही है जांच
गौरतलब है कि एनआईए आतंकवाद की वित्तीय मदद किए जाने से संबंधित मामले की जांच और मलिक द्वारा विभिन्न लोगों के साथ आदान-प्रदान किए गए संदेशों की पड़ताल कर रही है। जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम हर किसी की जांच कर रहे हैं। हमने बहुत से दस्तावेजों को देखा है, और हर मिनट के विवरण का अध्ययन कर रहे हैं, ताकि कोर्ट में अंतिम रूप से कानूनी पड़ताल के लिए जाने के लिए तथ्यों को लेकर सुनिश्चित हो सकें।’