जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के परिणामों में केंद्रीय पैनल के सभी पदों पर वामपंथी छात्र संगठनों का गठबंधन ‘यूनाइटेड लेफ्ट’ जीत गया है।
चुनाव समिति के मुताबिक 5,185 मतों में लेफ्ट के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार एन साई बालाजी को 2,161 मत मिले। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् यानी एबीवीपी के उम्मीदवार ललित पांडे 982 मतों के साथ दूसरे स्थान रहे और बिरसा आंबेडकर फूले स्टूडेंट्स यूनियन यानी बापसा के थल्लापल्ली प्रवीण 635 तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। कांग्रेस के संगठन एनएसयूआई के विकास यादव को 402 नोटा को 128 मत मिले।
उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव के अन्य केंद्रीय पैनल पदों पर यूनाइटेड लेफ्ट उम्मीदवार जीते। शनिवार को स्थिति उस तमाशे में बदल गई जब एबीवीपी और लेफ्ट दलों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाने शुरु कर दिए। एबीवीपी ने मतगणना शुरू होने की प्रक्रिया की जानकारी नहीं होने के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया था और मतगणना को 14 घंटे तक के लिए रोक दिया गया था।
चुनाव प्रक्रिया में लगे अधिकारियों ने बताया कि सुबह चार बजे रोकी गई मतगणना शाम साढ़े बजे फिर से शुरू हो गई थी जब शिकायत निवारण प्रकोष्ठ से दो शिक्षकों को प्रक्रिया के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था।
शुक्रवार को जेएनयू छात्र संघ के दिलचस्प चुनाव में 67.8 फीसदी मतदान हुआ था जिसे पिछले छह साल में सबसे ज्यादा माना जा रहा है। इसमें 5,000 से ज्यादा छात्रों ने मतदान किया।
वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन इस बार ‘यूनाइटेड लेफ्ट’ गठबंधन के तहत एकसाथ चुनाव लड़े थे।
वामपंथी छात्र संगठनों के अलावा एबीवीपी, एनएसयूआई और बापसा के उम्मीदवार भी मैदान में थे।
चुनाव में रोचक रही जयंत की उम्मीदवारी
जयंत जिज्ञासु जेएनयू के मास कम्युनिकेशन के छात्र हैं। जयंत पहले सीपीआई की छात्र ईकाई एआईएसएफ में थे लेकिन जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार से वैचारिक मतभेद हो जाने के चलते उन्होंने पार्टी छोड़कर लालू यादव की राजद से छात्र संघ चुनाव लड़े। जेएनयू में राजद का यह पहला चुनाव था। जयंत को कुल 540 मत मिले जो माना जाता है कि ये मत लेफ्ट गठबंधन के हिस्से के ही कटकर आए हैं। जेएनयू आने से पहले जयंत ने भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल किया है।