Advertisement

खुद को कोरोना संक्रमित बताकर यूपी के एक डॉक्टर ने दिया इस्तीफा

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के धौरहरा तहसील के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे तैनात एक डॉक्टर ने...
खुद को कोरोना संक्रमित बताकर यूपी के एक डॉक्टर ने दिया इस्तीफा

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के धौरहरा तहसील के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे तैनात एक डॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया है। डॉक्टर ने यह दावा करते हुए इस्तीफा दिया है कि वह कोरोना से संक्रमित हो गए हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए अपने त्यागपत्र में डॉक्टर नीलेश कुमार मोर्या जो रंजीतगंज के पीएचसी में तैनात है, ने कहा कि उन्होंने 30 मार्च को केंद्र में उपलब्ध सीमित सुविधाओं  और व्यक्तिगत सुरक्षा दिशा निर्देशों का पालन किए बिना लगभग 60 प्रवासी मजदूरों की जांच की थी। जिसके बाद उन्हें कोविड-19 के लक्षण महसूस हो रहे हैं। वह किसी और को संक्रमित नहीं करना चाहते इसलिए उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया और एक चिकित्सा अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं जारी नहीं रख पाएंगे।

हालांकि लखीमपुर के सीएमओ मनोज अग्रवाल ने डॉक्टर पर संकट की इस घड़ी में अपनी जिम्मेदारी से किनारा करने का आरोप लगाया। सीएमओ ने कहा कि यदि वह संक्रमित हैं तो उनके नमूने परीक्षण के लिए भेजे जा सकते हैं लेकिन उन्होंने इसके लिए कहा ही नहीं।

सीएमओ ने आगे कहा कि वह अच्छी तरह जानते हैं कि सीएमओ इस्तीफा स्वीकार करने के लिए सक्षम अधिकारी नहीं है उन्होंने पहले भी चिकित्सा अधिकारी के रूप में अपनी सभी जिम्मेदारियों से किनारा किया है। सही मायने में उन्हें हमसे संपर्क करना चाहिए था ताकि हम उनके नमूने जांच के लिए भेज सकते। लेकिन ऐसा करने के बजाय उन्होंने पीएचसी को बिना किसी अग्रिम सूचना के छोड़ दिया।

सीएमओ ने डॉक्टर नीलेश के इस दावे का भी खंडन किया कि प्रवासी मजदूरों का इलाज करते वक्त उनके पास सुरक्षात्मक गेर नहीं था। साथ ही उन्होंने कहा हम जिले में तैनात सभी चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सुरक्षा के प्रदान करने के लिए पुरजोर काम कर रहे हैं

आपको बता दें कि डॉक्टर नीलेश ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास पर्याप्त संसाधन ने होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि प्रवासी मजदूरों का परीक्षण करने के लिए महकमे के पास पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं है। ऐसे में जान जोखिम में डालकर काम कर पाना मुमकिन नहीं है। डॉक्टर नीलेश ने बताया था कि रोजाना 60 से 70 लोग पलायन कर गांव में लौट रहे हैं जिनका चेकअप करना होता है लेकिन चेकअप करने के लिए ना तो हमें मास्क मुहैया कराए गए और ना ही पीपीई पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट किट हमें दी गई।

 

आपको बता दें अब तक लखीमपुर  जिले में एक कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आया है और उस मरीज का इलाज लखनऊ में चल रहा है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad