कोरोना वायरस की महामारी आगामी हिंदू त्योहारी सीजन पर भारी पड़ने वाली है। इस महामारी के चलते ओडिशा में भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट की मनाही के बाद उत्तर भारत में आयोजित होने वाली वार्षिक कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी गई है। कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने का संयुक्त फैसला उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारों ने लिया है। कांवड़ यात्रा आगामी छह जुलाई से शुरू होने वाली थी।
हर साल शिव भक्तों की वार्षिक तीर्थ यात्रा उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद से और धूमधाम से आयोजित होने लगी थी। सरकारी हेलीकॉप्टर पिछले वर्षों में शिव भक्तों पर फूलों की बारिश करते थे। पिछले साल हरिद्वार में चार करोड़ से ज्यादा भक्तों ने सावन के महीने में यात्रा की।
छह जुलाई से शुरू होनी थी
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच शनिवार की रात को वीडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत हुई और इस साल छह जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को अनुमति न देने का फैसला किया गया। योगी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और मंडल आयुक्तों को सरकार के इस फैसले की जानकारी धार्मिक नेताओं, कांवड़ संगठनों और शांति कमेटियों को देने का निर्देश दिया है।
मंदिर में पांच से ज्यादा भक्त नहीं
यूपी के सीएम ने कहा है कि महामारी के खतरे को देखते हुए धार्मिक नेताओं और कांवड़ कमेटियों को भक्तों से कांवड़ यात्रा के लिए बाहर न निकलने की अपील करनी चाहिए। सरकार ने सावन के महीने में शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना के दौरान कोविड-19 के सभी एहतियाती नियम लागू करने का फैसला किया गया है। सावन के महीने में मंदिरों की भारी भीड़ रहती है। ऐसे में महामारी का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए मंदिर के भीतर एक बार में अधिकतम पांच लोगों को जाने की अनुमति दी जाएगी।