बीजेपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने अग्निपथ योजना योजना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। जब देश की सेना, सुरक्षा और युवाओं के भविष्य का सवाल हो तो ‘पहले प्रहार फिर विचार' करना एक संवेदनशील सरकार के लिए उचित नहीं।
उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि 'अग्निपथ योजना' को लाने के बाद महज कुछ घंटे के भीतर इसमें किए गए संशोधन यह दर्शाते हैं कि संभवतः योजना बनाते समय सभी बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा गया। वरुण गांधी ने योजना में लाए गए बदलावों का हवाला दिया, सशस्त्र बलों में युवाओं के लिए सैनिकों के रूप में एक अल्पकालिक रोजगार, इसकी घोषणा के तुरंत बाद, यह दर्शाता है कि जब नीति तैयार की जा रही थी तब इसके विभिन्न आयामों पर विचार नहीं किया गया था।
इससे पहले कल भी वरुण गांधी ने एक वीडियो मैसेज करके प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने की अपील की थी। वरुण गांधी ने लिखा था कि सैन्य अभ्यर्थियों के इस संघर्ष में मैं हर कदम पर उनके साथ खड़ा हूँ। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि धैर्य से काम लें और ‘लोकतांत्रिक मर्यादा’ बनाए रखते हुए अपने ज्ञापन विभिन्न माध्यमों से सरकार तक पहुँचाये। ‘सुरक्षित भविष्य’ हर युवा का अधिकार है! न्याय होगा।
वहीं 16 जून को वरुण गांधी ने अपने लेटर पैड पर लिखा एक पत्र जारी कर राजनाथ सिंह से अपील की थी। इस पत्र को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था कि आदरणीय राजनाथ सिंह जी, ‘अग्निपथ' योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं। युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे। जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके।
योजना, विशेष रूप से इसकी विशेषता है कि 75 प्रतिशत रंगरूट केवल चार साल के लिए सेवा करेंगे और नियमित सैनिकों की तरह लाभ का आनंद नहीं लेंगे, सरकार द्वारा युवाओं की चिंताओं को दूर करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। गुरुवार को ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया, कुछ सरकारी विभागों ने नौकरियों में अग्निवीरों के लिए प्राथमिकता की घोषणा की।