एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदर से सस्पेंस खत्म हो गया है। केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई है।
इसके पहले उपराष्ट्रपति पद के लिए वेंकैया नायडू का नाम चर्चा में आने के बाद एक सवाल के जवाब में वेंकैया ने कहा कि उन्हें कुछ भी बनने की महत्वाकांक्षा नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड जो कुछ भी फैसला करेगा वह अंतिम होगा, बाकी सब अटकलें हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस की अगुआई में 18 दलों ने महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद एनडीए के दलों से बात करके उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार का नाम तय किया गया है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए हो रहे मतदान के समाप्त होते ही सोमवार शाम भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। मंगलवार यानी 18 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन का आखिरी दिन है। इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि सोमवार शाम संसदीय बोर्ड की बैठक में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर दी जाएगी।
बहरहाल, कांग्रेस समेत 18 विपक्षी दलों के गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के लिये गोपालकृष्ण गांधी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। उपराष्ट्रपति पद के लिये मतदान 5 अगस्त को होगा।
उपराष्ट्रपति पद के लिये निर्वाचक कालेज में 790 सदस्य हैं, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन को निर्वाचक कालेज में जबर्दस्त बहुमत हासिल है। भाजपा सूत्रों ने विश्वास व्यक्त किया है कि 790 सदस्यों में से उसके उम्मीदवार को 500 से अधिक वोट मिल सकते हैं।
Venkaiah ji has a lot of experience, all NDA allies have welcomed this decision: BJP President Amit Shah at a press conference in Delhi pic.twitter.com/TM5thMiQmj
— ANI (@ANI_news) July 17, 2017
एम. वेंकैया नायडू: छात्र राजनीति से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार तक
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू छात्र राजनीति से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार तक पहुंचे हैं। वेंकैया का जन्म 1, जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के चावटपलेम के एक कम्मा परिवार में हुआ।
वेंकैया ने वीआर हाईस्कूल नेल्लोर से स्कूली शिक्षा पूरी की और वीआर कॉलेज से राजनीति तथा राजनयिक अध्ययन में स्नातक तक पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने आन्ध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से लॉ की डिग्री हासिल की। 1974 में वह आंध्र विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुये।
1972 में 'जय आंध्र आंदोलन' के दौरान वेंकैया नायडू पहली बार चर्चा में आए। वेंकैया नायडू ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण से प्रभावित होकर आपातकालीन के खिलाफ संघर्ष में भाग लिया और जेल भी गए। वेंकैया नायडू भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे और मौजूदा केंद्र सरकार में शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन तथा संसदीय कार्य मंत्री का पद संभाल रहे हैं।