युवाओं की क्षमता का इस्तेमाल कर जलवायु में उचित बदलाव लाने और स्थायी पर्यावरण को प्रोत्साहित करने के लिए हाल ही में टेरी स्कूल ऑफ एडवान्स्ड स्टडीज और डालमिया सीमेंट की तरफ से क्लाइमेट जैंबरी नाम का एक फेयर लगाया गया। इस मौके पर दिसम्बर 2018 में पोलैंड में आयोजित सीओपी24 के लिए समग्र दस्तावेज का ऐलान किया गया।
टेरी स्कूल ऑफ एडवान्स्ड स्टडीज की वाइस चांसलर डॉ. लीना श्रीवास्तव ने कहा, ‘क्लाइमेट जैंबरी जबरदस्त सफल रहा। इसका मकसद पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इसके माध्यम से हमने न केवल हजारों छात्रों को बल्कि कार्यक्रम से जुड़े सभी हितधारकों- पैनलिस्ट, प्रवक्ताओं, स्पॉन्सर्स, साझेदारों, मीडिया, विक्रेताओं, सेवा प्रदाताओं, सपोर्ट स्टाफ, परिवारों और दोस्तों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। हम सभी के लिए यह एक अनूठी यात्रा रही है और आने वाले सालों में हम और भी बड़े बदलाव ला सकते हैं’। उन्होंने बताया कि जलवायु जंबोरी के माध्यम से हम जलवायु परिवर्तन और स्थायित्व पर आवाज के लिए मंच बनाना चाहते हैं।
कार्यक्रम के दौरान जलवायु परिवर्तन के संवेदनशील मुद्दे पर युवाओं को जागरूक बनाने का प्रयास किया गया, ताकि वे आगे बढ़ कर इस दिशा में प्रयास करें। इस मौके पर कई ऐसे सत्रों का आयोजन किया गया, जिन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया जैसे जीआईजैड द्वारा सोलर वॉटर पम्प कार्यशाला, एनजीओ स्वराज द्वारा विशेष सत्र। कार्यक्रम के दौरान कला, स्ट्रीट प्ले, नृत्य, वृत्तचित्रों की स्क्रीनिंग, गेम्स और क्विज जैसी रोचक गतिविधियों का आयोजन किया गया।
1 से 3 नवंबर तक चले इस फेयर को केंद्रीय पर्यावरण, आवास एवं शहरी विकास, भू-विज्ञान और वाणिज्य मंत्रालय, यूनेस्को सहित टेरी स्कूल ऑफ एडवांस स्टडीज के सहयोग से लगाया गया था। फेयर में विभिन्न स्कूल और कॉलेजों के 10 हजार स्टूडेंट्स के साथ 100 से अधिक पर्यावरणविदों ने हिस्सा लिया था।
इस फेयर में कूड़े को कम करने के लिए कुछ रेसिपी भी परोसी गई थीं। यह रेसिपी फल और सब्जियों के छिलकों से तैयार की गई थी। इनमें भी कई तरह के पोषक तत्व मौजूद हैं। इस तरह की 67 रेसिपी फेयर में तैयार की गई थी।