असम के दरांग जिले के सिपाझार में गुरुवार को अतिक्रमण हटाने को लेकर पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इसके अलावा नौ पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है। ये झड़प तब हुई जब पुलिसकर्मियों की एक टीम अतिक्रमण हटाने के लिए इलाके में गई थी। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने गोलियां भी चलाईं और पुलिसकर्मियों ने लोगों पर लाठी-डंडों का इस्तेमाल भी किया। घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक शख्स शव के साथ बर्बरता करता दिखाई दे रहा है। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर ट्वीट किया- मैं राज्य के भाई और बहनों के साथ हूं। भारत का कोई भी नागरिक ऐसे बर्ताव का हकदार नहीं है।
लगभग 4500 बीघा भूमि पर कब्जा करने वाले कम से कम 800 परिवारों को सोमवार को अवैध अतिक्रमण के खिलाफ राज्य सरकार के अभियान के तहत बेदखल कर दिया गया था। परिवारों ने उस दिन अपना सामान स्थानांतरित करने के बजाय कोई प्रतिरोध नहीं दिखाया। वहीं सिपाझार के ढालपुर में बेदखली के लिए गई जहां उन्हें बेदखली पर स्थानीय लोगों के गंभीर विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हुई। असम सरकार का दावा है कि ये लोग यहां अतिक्रमण करके रह रहे थे। इस गांव में ज्यादातर पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान रहते हैं। सूत्रों के अनुसार बेदखली अभियान के खिलाफ 10,000 से अधिक अतिक्रमणकारी नंबर 3 क्षेत्र पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
इस बीच असम सरकार ने दारंग जिले के ढालपुर इलाके में हुई पुलिसकर्मियों सहित 2 नागरिकों की मौत और कई अन्य लोगों को घायल करने की परिस्थितियों की जांच करने का फैसला किया है। गुवाहाटी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में यह जांच की जाएगी। असम सरकार ने गुरुवार को यह आदेश जारी किए।