संगीतकार ने जैन समुदाय की परंपरा पंच माफी के अनुसार कान पकड़कर भी माफी मांगी। सागर ने कहा कि उन्होंने पहले ही ददलानी को माफ कर दिया था, अब मैं ददलानी को माफी देने के लिए समुदाय से अपील करूंगा और इस बात को यहीं समाप्त करने के लिए कहूंगा। मुनि ने कहा, मैं शुरू से ही कह रहा था कि व्यक्तिगत रूप से इस घटना से मैं आहत नहीं हुआ लेकिन यह बात जैन समुदाय के लोगों को बुरी लगी। समुदाय की मांग थी कि ददलानी मेरे पास आकर माफी मांगे, तभी समुदाय उनके खिलाफ आंदोलन बंद करेगा।
मुनि ने कहा, कोई भी व्यक्ति गलती कर सकता है, यहां तक की मैं भी। गलती का बोध होना जरूरी है। लोगों को भी एेसे लोगोंं को माफ कर देना चाहिए। ददलानी का कहना था, मैं अपने कहे पर 32 बार मांफी मांग चुका हूं, यहां तक की मुनि ने भी मुझे माफ कर दिया था लेकिन अब मैं व्यक्तिगत रूप से सामने आकर माफी मांंग रहा हूं। संगीतकार ने आगे कहा, मैं दिल से माफी मांगना चाहता था क्योंकि मैं यह महसूस कर चुका था कि सच में मेरे कारण लोगों को दुख पहुंचा है।
उन्होंने आगे कहा, मैं बस यह कहना चाहता था कि शासन और धर्म को एक साथ नहीं मिलाना चाहिए। मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। भाषा एजेंसी