दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में क्यूएस रैकिंग का सर्टिफिकेट पाने के बाद वीआईटी के कुलाधिपति डॉ. जी. विश्वनाथन ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी मेहनत रंग लाई और आज वीआईटी क्यूएस फोर रैकिंग पाने वाला पहला भारतीय संस्थान बन गया है। विश्वनाथन ने कहा कि साल 1984 में इस संस्थान को केवल 180 छात्रों के साथ शुरू किया गया था लेकिन आज यहां 32000 हजार छात्र हैं। वीआईटी की मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में भी शाखाएं हैं। वीआईटी ने साल 2014 में 2390 रिसर्च पेपर भी पब्लिश किए। जिसे देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश की निजी यूनिवर्सिटी में नंबर एक की रैकिंग दी।
कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने वीआईटी की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में यह संस्थान बेहतरीन काम कर रहा है। उन्होने कहा कि आज इस तरह की संस्थाओं की और बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है ताकि जो केंद्र सरकार का विजन है वह पूरा हो सके। इस अवसर पर संस्थान वीआईटी के उपाध्यक्ष शंकर विश्वनाथन, डा. सेकर विश्वनाथन, जीवी सेलवम और कुलपति डाॅ. आनंद ए सैमुअल भी मौजूद थे।