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अखिलेश ने क्यों बोला अंत में जो वैक्सीन बचे वो मुझे लगा दें, जानें इसके सियासी मायने

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने अपने 48वें जन्मदिन पर कहा...
अखिलेश ने क्यों बोला अंत में जो वैक्सीन बचे वो मुझे लगा दें, जानें इसके सियासी मायने

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने अपने 48वें जन्मदिन पर कहा कि वो सबसे आखिरी व्यक्ति होंगे और सबसे अंत में वैक्सीन लगवाएंगे। जो आखिरी बची वैक्सीन हो उन्हें लगाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के तमाम लोगों को वैक्सीन की जरूरत है लेकिन सरकार नहीं दे पा रही है। वैक्सीन की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। साथ ही दावा किया कि अगले साल यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी।

मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी से अपील की कि सभी लोग कोरोना की वैक्सीन जरूर लगवाएं।सरकार की यह जिम्मेदारी है कि यूपी की जनता को वैक्सीन लगवाए। बीजेपी की दोनों जगह सरकार है और यह वही पार्टी है जिसने करोड़ों रुपये खर्च किए और कहा कि एक डोज जरुरी है। खुद के वैक्सीनेशन के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि जब प्रदेश के सभी लोगों को वैक्सीन लग जाएगी तो वह खुद भी लगवा लेंगे।

सपा नेता ने कहा कि हम चाहते हैं कि अगर वो वैक्सीन हमें लगाना चाहते हैं तो सबसे पहले उत्तर प्रदेश के गरीब, किसान, मजदूर और नौजवानों को वैक्सीन लगवा दें। अंत में जो एक वैक्सीन बचे वो हमें लगा दें। 

जनवरी में जब वैक्सीनेशन की तैयारी चल रही थी, तब अखिलेश यादव ने ऐलान किया था कि उन्हें बीजेपी की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है, जब हमारी सरकार आएगी तो सभी को मुफ्त में वैक्सीन लगवाएगी। उनके इस बयान पर खासा विवाद भी हुआ था लेकिन जब पिछले महीने की शुरुआत में समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उनके पिता मुलायम सिंह यादव की एक तस्वीर सामने आई थी जिसमें ववह कोरोना वैक्सीन लगवाते दिख रहे थे तो उन्होंने यूटर्न ले लिया।

अखिलेश यादव ने कहा कि जनता 2022 में भाजपा को जवाब देने के लिए तैयार बैठी है। अगले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में जनता की सरकार बनने जा रही है। भाजपा मुद्दों पर बहस करने से डरती है। भाजपाई खेमे में जंग का माहौल है। दूसरे के घरों में झगड़ा कराने वालों के घर में झगड़ा हो गया। ये लोग जनता का सामना नहीं कर सकते हैं इसलिए जानबूझकर घर का झगड़ा कर रहे हैं। भाजपा में जो समीक्षाएं हो रही हैं, वह हवाबाजी हैं। भाजपा अपने वायदों की कब समीक्षा कब करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने फैसला लिया है कि हम बड़े दलों के साथ नहीं चलेंगे. उनके साथ अनुभव ठीक नहीं रहा। हम छोटे दलों को अपने साथ रखेंगे।

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