जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म करने के 43 दिन बाद भी वहां हालात समान्य नहीं होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को हिरासत में रखने को लेकर सवाल उठाया है।
43 दिनों के बाद अब पीएसए लगाया गया
कपिल सिब्बल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि (अब्दुल्ला को नजरबंद करने के) 43 दिनों के बाद अब जन सुरक्षा कानून (पीएसए) लगाया गया। पहले भाजपा ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के 92 फीसदी लोग अनुच्छेद-370 के मुख्य प्रावधान हटाने के पक्ष में हैं और स्थिति सामान्य है।
कपिल सिब्बल ने उठाए सवाल
संसद के पटल पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान का उल्लेख करते हुए सिब्बल ने कहा कि अमित शाह ने संसद में कहा कि फारूक अब्दुल्ला को न तो हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है। अगर उस वक्त जन सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था तो अब क्यों है? क्योंकि वाइको ने याचिका दायर कर दी?
पीएसए के तहत हिरासत में लिए गए अब्दुल्ला
दरअसल, अब्दुल्ला की हिरासत को लेकर वाइको ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जिस पर केंद्र सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा गया है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के प्रशासन ने सोमवार को कहा कि अब्दुल्ला को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है। पीएसए के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।
दरअसल, तमिलनाडु की पार्टी एमडीएमके के नेता वाइको ने फारुख अब्दुल्ला को अपना मित्र बताते हुए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। वाइको के वकील ने कहा, ‘अब्दुल्ला से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। हम नहीं जानते कि वह कहां हैं। उन्हें हिरासत में रखा गया है या नहीं’। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता का फारुख अब्दुल्ला से कोई संबंध नहीं है लेकिन कोर्ट ने कहा कि सरकार वाइको की याचिका पर 30 सितंबर तक जवाब दे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कई स्थानीय नेताओं को हिरासत में रखा है। सरकार का कहना हा कि किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम न दिया जाए इस वजह से यहकदम उठाया गया है।