आकाशवाणी पर आज प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने पहले ही दिन कहा था (8 तारीख को (नोटबंदी की घोषणा के दिन) कहा था) ये लड़ाई असामान्य है। 70 साल से बेईमानी और भ्रष्टाचार के काले कारोबार में कैसी शक्तियां जुड़ी हुई है? उनकी ताकत कितनी है? ऐसे लोगों से मैंने जब मुकाबला करना ठान लिया है तो वे भी तो सरकार को पराजित करने के लिए रोज नए तरीके अपनाते हैं।
उन्होंने कहा कि जब वो नए तरीके अपनाते हैं तो हमें भी तो उसके काट के लिए नया तरीका ही अपनाना पड़ता है। तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात, क्योंकि हमने तय किया है कि भ्रष्टाचारियों को, काले कारोबारों को, काले धन को, मिटाना है। भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये पूर्ण विराम नहीं है, ये तो अभी शुरुआत है। ये जंग जीतना है और थकने का तो सवाल ही कहां उठता है, रुकने का तो सवाल ही नहीं उठता है।
उन्होंने कहा कि जिस बात पर सवा-सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हो, उसमें तो पीछे हटने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको मालूम होगा हमारे देश में बेनामी संपत्ति का एक कानून है। 1988 में बना था, लेकिन कभी भी न उसके नियम बनें, उसको अधिसूचित नहीं किया। ऐसे ही वो ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। हमने उसको निकाला है और बड़ा धारदार बेनामी संपत्ति का कानून हमने बनाया है। आने वाले दिनों में वो कानून भी अपना काम करेगा। देशहित के लिए, जनहित के लिए, जो भी करना पड़े, ये हमारी प्राथमिकता है।
मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ इस महायग्य में लोगों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया है। मैं चाहता था कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है, राजनीतिक दलों को राजनीतिक वित्त पोषण के मुद्दे पर सदन में व्यापक चर्चा हो। अगर सदन चला होता तो जरूर अच्छी चर्चा होती।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग अफवाह फैला रहे हैं कि राजनीतिक दलों को सब छूट-छाट है, ये गलत है। कानून सब के लिये समान होता है और कानून का पालन भी चाहे व्यक्ति हो, संगठन हो या राजनीतिक दल हो, हर किसी को कानून का पालन करना ही होता है और करना ही पड़ेगा। जो लोग खुल कर के भ्रष्टाचार और काले धन का समर्थन नहीं कर पाते हैं, वे सरकार की कमियां ढूंढने के लिए पूरी देर लगे रहते हैं।
उन्होंने कहा कि एक बात ये भी आती है बार-बार नियम क्यों बदलते हैं। ये सरकार जनता-जनार्दन के लिए है। जनता का लगातार फीडबैक लेने का प्रयास सरकार करती है। जनता-जनार्दन को कहां कठिनाई हो रही है, किस नियम के कारण दिक्कत आती है, उसका क्या रास्ता खोजा जा सकता है। हर पल एक संवेदनशील सरकार होने के कारण जनता-जनार्दन की सुख-सुविधा को ध्यान में रखते हुए जितने भी नियम बदलने पड़ते हैं, बदलती है, ताकि लोगों की परेशानी कम हो।
मोदी ने कहा कि आज आप लोग टीवी पर, समाचार-पत्रों में देखते होंगे कि रोज नए-नए लोग पकड़े जा रहे हैं। नोट पकड़े जा रहे हैं, छापे मारे जा रहे हैं अच्छे-अच्छे लोग पकड़े जा रहे हैं। ये कैसे संभव हुआ है ? उन्होंने कहा कि मैं यह राज बताता हूं। ये जानकारियां मुझे लोगों की तरफ से मिल रही हैं। सरकारी व्यवस्था से जितनी जानकारी आती है उस से अनेक गुना ज्यादा सामान्य नागरिकों से जानकारियां आ रही हैं और ज्यादातर हमें जो सफलता मिल रही है वो जन-सामान्य की जागरूकता के कारण मिल रही है।
नोटबंदी के फैसले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके बारे में कितनी सारी अफवाहें फैलाई गई। भ्रष्टाचार और काले धन जैसी लड़ाई को सांप्रदायिकता के रंग से रंगने का भी कितना प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि किसी ने अफवाह फैलाई कि नोट पर लिखी स्पेलिंग गलत है। किसी ने कह दिया नमक का दाम बढ़ गया है। किसी ने अफवाह चला दी 2000 रुपये के नोट भी जाने वाली है, 500 और 100 के भी जाने वाली है। ये भी फिर से जाने वाला है।
मोदी ने कहा कि लेकिन मैंने देखा भांति-भांति की अफवाहों के बावजूद देशवासियों के मन को कोई डुला नहीं सका है। इतना ही नहीं, कई लोग मैदान में आए, अपनी रचनात्मकता के द्वारा, अपनी बुद्धि शक्ति के द्वारा अफवाह फैलाने वालों को भी बेनकाब किया। अफवाहों को भी बेनकाब कर दिया और सत्य लाकर के खड़ा कर दिया। मैं जनता के इस सामथ्र्य को भी शत-शत नमन करता हूं। प्रधानमंत्राी ने कहा कि मैं हर महीने मन की बात के पहले लोगों से आग्रह करता हूं कि आप मुझे अपने सुझाव दीजए, अपने विचार बताइए और हजारों की तादाद में माईजीओवी पर और नरेंद्र मोदी एप्प पर इस बार जो सुझाव आए, मैं कह सकता हूं कि 80-90 प्रतिशत सुझाव भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई के संबंध में आए। (एजेंसी)