भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर कोवैक्सीन विकसित की है। भारत बायोटेक (बीबीआईएल) को भारत सरकार की ओर से कोवैक्सीन की 55 लाख खुराकों की खरीद का ऑर्डर मिला है। कंपनी ने ऐलान किया है कि अगर खुराक लगने के बाद किसी को गंभीर दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ता है तो इसके लिए मुआवजा देगी।
वैक्सीन लेने वाले द्वारा हस्ताक्षरित एक सहमति पत्र के अनुसार, 'किसी भी प्रतिकूल या गंभीर प्रतिकूल घटना के मामले में, सरकार की ओर से निर्दिष्ट और अधिकृत केंद्रों और अस्पतालों में चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त मानकों के तहत इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी। अगर दुष्प्रभाव का संबंध वैक्सीन से होता है तो इसका भुगतान कंपनी करेगी।'
पहले और दूसरे चरण के ट्रायलों में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन ने कोविड-19 के खिलाफ एंटीडोट उत्पन्न करने की क्षमता का प्रदर्शन किया है। हालांकि, कोवैक्सीन की चिकित्सकीय प्रभावकारिता का निर्धारण किया जाना अभी बाकी है। इसकी प्रभावकारिता का अध्ययन अभी भी इसके तीसरे चरण के ट्रायलों के डाटा के आधार पर किया जा रहा है।
दिए जाने वाले फॉर्म में कहा गया है कि वैक्सीन की खुराक लगने का मतलब यह नहीं है कि इसके बाद कोविड-19 से बचाव के लिए निर्धारित अन्य मानकों का पालन करना बंद कर दिया जाए। इसके साथ ही वैक्सीन लेने वालों को एक फैक्टशीट भी दी गई और एक फॉर्म दिया गया जिसे पीड़ित को प्रतिकूल प्रभावों के सामने आने के सात दिन के अंदर जमा करना होगा।