भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में सोमवार को वाराणसी की जिला अदालत में दाखिल कर दी। जिला न्यायाधीश ने लिफाफा खोलने और पक्षकारों को सर्वेक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए 21 दिसंबर की तिथि तय की है।
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने अपने अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव के जरिए ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में वाराणसी की जिला अदालत में दाखिल कर दी है।
यादव ने बताया कि रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के पूर्व आज मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने जिला न्यायाधीश की अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में प्रस्तुत की जाए और किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाजत न दी जायें।
एएसआई ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण वहां पहले से मौजूद किसी हिंदू मंदिर के ढांचे पर किया गया था?
इससे पहले रिपोर्ट न दाखिल हो पाने पर एएसआई के वकील अमित श्रीवास्तव ने कहा कि एएसआई विशेषज्ञ ऐतिहासिक संरचना और अवशेषों से संबंधित छवियों सहित डेटा का विश्लेषण करने के लिए काम कर रहे थे। 28 नवंबर को रिपोर्ट जमा करने के लिए इन्होंने ही तीन और सप्ताह की मांग करते हुए याचिका दायर की थी.
वहीं, मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने एएसआई की याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह बिना किसी ठोस कारण के बार-बार समय मांग रहा है. उन्होंने अर्जी खारिज करने की मांग की।