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"अगर लालू जी बीजेपी से हाथ मिलाते तो राजा हरिश्चंद्र कहलाते": लालू यादव की सजा पर बोले तेजस्वी यादव

बहुचर्चित चारा घोटाला से जुड़े सबसे बड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में राजद सुप्रीमो...

बहुचर्चित चारा घोटाला से जुड़े सबसे बड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को पांच साल जेल और 60 लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है।कोर्ट के इस आदेश के बाद देश खासकर बिहार की राजनीति गरमाती जा रही है। लालू प्रसाद यादव की सजा पर राजद नेता तेजस्वी यादव बोले, "अगर लालू जी बीजेपी से हाथ मिलाते तो राजा हरिश्चंद्र कहलाते लेकिन आज वो आरएसएस-बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे हैं इसलिए जेल की सजा भुगत रहे हैं। हम इससे नहीं डरेंगे।"

तेजस्वी ने आगे कहा, कोर्ट के फैसले पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। हमने पहले भी कहा था कि ये कोई अंतिम फैसला नहीं है इसके ऊपर हाई कोर्ट में हमने इस मामले को रखा है और हमें पूर्ण विश्वास है कि हाई कोर्ट में लालू जी के पक्ष में फैसला होगा

बता दें कि सोमवार को सीबीआई विशेष न्‍यायालय के जज एसके शशि की अदालत ने लालू प्रसाद सहित 38 अभियुक्‍तों के खिलाफ फैसला सुनाया। यह मामला डोरंडा कोषागार से 139.50 करोड़ रुपये अवैध निकासी का मामला है।

लालू प्रसाद के अधिवक्‍ता प्रभात कुमार के अनुसार न्‍यायादेश की कॉपी लेने के बाद एक सप्‍ताह के भीतर हाई कोर्ट में अपील में जायेंगे और जमानत की भी याचिका दाखिल करेंगे। उनके अनुसार पांच साल की सजा में लगभग आधी सजा काट चुके हैं, हालांकि जजमेंट की कॉपी देखने के बाद स्थिति पूरी तरह स्‍पष्‍ट होगी।

राजद के वरिष्‍ठ नेता और राष्‍ट्रीय महासचिव अब्‍दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि उम्र और बीमारी को लेकर जिस तरह इस मामले में पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉ जगन्‍नाथ मिश्र को राहत मिली थी वैसी ही अपेक्षा थी। अदालत के फैसले का सम्‍मान करते हैं, जल्‍द ही उपरी अदालत में अपील में जायेंगे।

जाहिर है कि अदालत 15 फरवरी को ही इस मामले में लालू प्रसाद सहित 75 आरोपियों को दोषी करार दिया था जिनमें 35 अभियुक्‍तों को तीन तीन साल की सजा सुनाई गई थी मगर 37 अभियुक्‍त को सजा के मामले में आज 21 फरवरी को निर्णय की फैसला सुनाया गया था।

गौरतलब है कि लालू प्रसाद की सेहत को देखते हुए उन्‍हें न्‍यायिक हिरासत में रिम्‍स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्‍थान) भेज दिया गया था। वे शुगर, किडनी, हृदय रोग सहित विभिन्‍न तरह की डेढ़ दर्जन बीमारियों से ग्रसित हैं। इधर उनका बीपी, शुगर अनियंत्रित था, किडनी भी 20 प्रतिशत की क्षमता से काम कर रहा है। सजा आने के पहले वे तनाव में थे।

खबरों के अनुसार, बीती रात उन्‍हें नींद नहीं आई थी, तनाव में करवट बदलते हुए रात बीती थी। आज सोमवार को सीबीआइ के विशेष जज ने ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से मामले की सुनवाई की। रिम्‍स के पेईंग वार्ड से ही लालू प्रसाद की ऑनलाइन पेशी हुई, फैसला सुना। जेल प्रशसन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्‍यवस्‍था की थी, लैपटॉप उपलब्‍ध कराया था।

झारखंड में पशुपालन घोटाला से जुड़ा यह पांचवां और अंतिम मामला था। चार मामलों जिनमें एक दुमका, एक देवघर, दो चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद को पहले ही दोषी करा दिया जा चुका है। इन चार मुकदमों में लालू प्रसाद को 27.50 साल की सजा हुई है। डोरंडा कोषागार मामले को मिलाकर सजा की मियाद साढ़े 32 साल हो जाती है। चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी दो मामलों में पांच-पांच साल, देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में साढ़े तीन साल और दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में दो धाराओं के तहत सात-सात साल की सजा सुनाई जा चुकी है।

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