चुनाव आयोग के मुताबिक, निर्वाचन मंडल में राज्यसभा में निर्वाचित सदस्य 233 और नॉमिनेटेड 12 हैं। लोकसभा में निर्वाचित सदस्य 543 और नॉमिनेटेड दो हैं। उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी 790 सदस्य निर्वाचित और नॉमिनेटेड हिस्सा लेंगे। कुछ सीटें खाली हैं। साथ ही संविधान में साफ किया गया है कि उपराष्ट्रपति पद का निर्वाचन गुप्त मतपत्र के द्वारा होगा। यानी इसका मतपत्र नहीं दिखाया जाए। केंद्र से मशवरा के बाद चुनाव के लिए राज्यसभा के महासचिव शमशेर शरीफ को रिटर्निंग अफसर नियुक्त किया गया है। आयोग ने कहा है कि निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं।
मालूम हो कि राज्यसभा और लोकसभा के निर्वाचित और नामांकित सदस्य उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है लेकिन कुछ सीट रिक्त हैं। मौदूगा समय में राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर राजनीति खासी गरमाई हुई है जो 17 जुलाई को होना है। विपक्षी दलों व एनडीए की ओर से उम्मीदवार खड़े किए गए हैं और दोनों ही दलित जाति होने से मुकाबला दलित बनाम दलित हो गया है। एनडीए ने बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद को मैदान में उतारा है तो विपक्षी दलों ने लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार को।