देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। इस बीच देश के अलग-अलग राज्यों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई जगह ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है। राजधानी के बत्रा अस्पताल में शनिवार को ऑक्सीजन खत्म होने के चलते 12 कोरोना मरीजों की जान चली गई है, इसमें एक डॉक्टर भी शामिल हैं।
अस्पताल में आक्सीजन की कमी को लेकर बत्रा अस्पताल ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बत्रा अस्पताल ने हाईकोर्ट को बताया कि हमें ऑक्सीजन समय पर नहीं मिली। दोपहर 12 बजे ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। जिसके बाद दोपहर डेढ़ बजे दोबारा ऑक्सीजन सप्लाई हुई। इस वजह से कुछ लोगों की मौत हो गई। इससे पहले अस्पताल ने ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए एसओएस मैसेज भी भेजा था। जिसमें जानकारी दी गई थी कि अस्पताल में केवल दस मिनट की ऑक्सीजन बची हुई है। अस्पताल में 326 मरीज भर्ती है।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और विधायक राघव चड्ढा ने ट्वीट कर बताया कि हमारा क्रायोजेनिक टैंकर बत्रा अस्पताल में पांच मिनट के अंदर पहुंच रहा है। ऑक्सीजन की सप्लाई अस्पताल को कर दी गई है। लेकिन, तब तक आठ मरीजों की मौत हो गई थी।
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के रोहिणी स्थित जयपुर गोल्डेन हॉस्पिटल में 20 मरीजों की मौत ऑक्सीजन के बिना हो गई थी। ये घटना 24 अप्रैल को हुई थी। इससे पहले शुक्रवार, 23 अप्रैल की सुबह सर गंगा राम अस्पताल में 25 मरीजों की मौत ऑक्सीजन के बिना हो गई थी।
बत्रा अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डाॅ.एस.सी.एल. गुप्ता ने पिछले शनिवार को चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि हमें एक दिन में 8,000 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है। हमें 12 घंटे हाथ जोड़ने के बाद 500 लीटर ऑक्सीजन मिली है, अगला 500 लीटर कब मिलेगा पता नहीं? अस्पताल में 350 मरीज हैं और 48 मरीज आईसीयू में हैं। इसके बाद भी सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऑक्सीजन की बहुत परेशानी हो रही है। दिल्ली को एक दिन में 976 टन ऑक्सीजन की जरूरत है और हमें 490 टन ऑक्सीजन आवंटित की गई है, कल केवल 312 टन ऑक्सीजन आई है। हमें आज ऑक्सीजन मिल जाए तो दिल्ली में 24 घंटे में 9,000 ऑक्सीजन बेड तैयार हो जाएंगे।