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कोविड संक्रमण पर बड़ा खुलासा, इस तरह के कमरे हैं सबसे खतरनाक

देश में कोविड का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हर दिन लगभग 50 हजार मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में संक्रमण...
कोविड संक्रमण पर बड़ा खुलासा, इस तरह के कमरे हैं सबसे खतरनाक

देश में कोविड का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हर दिन लगभग 50 हजार मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में संक्रमण हमारे आस-पास होना आम हो गया है, लेकिन इससे बचने के लिए जरूरी है कि खुद से जितनी हो सके सावधानी बरती जाए। इसे लेकर देश में बहुत सी स्टडी हुई है जिसमें कई दावे भी किए गए जो इससे रोकथाम के लिए मददगार साबित हुए। आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की एक स्टडी में कोरोना का हवा के जरिए फैलने का दावा किया है। सीएसआईआर की स्टडी में बताया गया कि कोरोना हवा के जरिए फैल सकता है, लेकिन यदि कमरे में वेंटिलेशन अच्छा हो तो संक्रमण फैलने का खतरा कम हो सकता है। स्टडी में पाया गया कि जिन कमरों में वेंटिलेशन अच्छा हो वहां कोरोना हवा के माध्यम से ज्यादा दूर तक नहीं जा सकता है।

सीएसआईआर द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि नेचुरल एनवायरमेंट कंडीशन में कोविड 19 वायरस ज्यादा दूर तक नहीं पहुंच सकता है। बसर्त इसके लिए मरीज एसिम्टोमैटिक होना चाहिए इससे संक्रमण फैलने का खतरा कम हो सकता है।

कोविड-19 संक्रमण आने के बाद इसके हवा में फैलने को लेकर बहुत से अध्ययन किए गए है। किसी का मानना है कि यह हवा में भी फैल सकता है और किसी स्टडी में पाया गया कि यह हवा में नहीं ट्रैवल कर सकता। सीएसआईआर के इस अध्ययन में सबसे ज्यादा इनडोर ट्रांसमिशन पर जोर दिया गया। यह जानने का प्रयत्न किया गया कि बंद कमरों में कोरोना हवा के संपर्क में फैल सकता है या नहीं।

यह अध्ययन दो पहलुओं पर केंद्रीत है पहला ये कि यदि कमरों में खिलड़कियों को खोल दिया जाए तो कोरोना के प्रसार को कम किया जा सकता है। केवल वेंटिलेशन पर ध्यान दे कर इसके खतरे को आधा किया जा सकता है।

अध्ययन का दूसरा पहलू इस बात पर निर्भर करता है कि बंद कमरो में कोरोना फैलने का खतरा किस दौरान ज्यादा हो सकता है। इस अध्ययन में बताया गया कि यदि बंद कमरे में कोरोना के ज्यादा मरीज है तो हवा के संपर्क में दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। सीएसआईआर ने स्टडी के दौरान कोविड और बिना कोविड आईसीयू और नॉन आईसीयू रूम की हवा के सैंपल का टेस्ट किया था। फिर इसका बंद करने में मौजूद कोविड मरीजों पर प्रयोग किया गया। जिसमें पाया गया कि यदि बंद कमरे में ज्यादा कोविड संक्रमित मरीज हैं तो हवा के माध्यम से दूसरे तक संक्रमण पहुंचने का खतरा ज्यादा है, लेकिन यदि कमरे का वेंटिलेशन ठीक कर लिया जाए तो खतरे को कम किया जा सकता है।

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