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पठानकोट: सभी छह आतंकवादी मारे गए, पर्रिकर ने माना कुछ कमियां थीं

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज स्वीकार किया कि कुछ कमियां थीं जिनकी वजह से पठानकोट में वायुसेना अड्डे पर आतंकी हमला हुआ। उन्होंने बताया कि हमला करने वाले सभी छह आतंकवदी मारे गए हैं। इन आतंकवादियों के पास कुछ पाकिस्तान निर्मित उपकरण थे।
पठानकोट: सभी छह आतंकवादी मारे गए, पर्रिकर ने माना कुछ कमियां थीं

पंजाब के पठानकोट में वायुसेना अड्डे का दौरा करने के बाद पर्रिकर ने कहा कि आतंकवादियों को मार गिराया गया है, लेकिन तलाशी अभियान अभी जारी है। आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान शनिवार सुबह 3.30 बजे से चल रहा था। उन्होंने कहा, अंदर फिलहाल कोई संदिग्ध आतंकवादी नहीं है। मैं तलाशी अभियान के पूरा होने तक कोई नकारात्मक रिपोर्ट नहीं दूंगा। तलाशी अभियान कल पूरा हो सकता है।

रक्षा मंत्री ने ऐलान किया कि हमले के दौरान जिन सात सुरक्षाकर्मियों ने अपने प्राण न्यौछावर किए उनको शहीद का दर्जा दिया जाएगा जिससे वे युद्ध जैसे हालात में जान गंवाने की स्थिति में मिलने वाले फायदे पाने के हकदार होंगे। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के पास 40-50 किलोग्राम गोलियां, मोर्टार थे। मोर्टार को वे अंडर-बैरेल ग्रेनेड लांचर से चला रहे थे। उनके पास कुछ मैगजीन भी थी। सवालों के जवाब में पर्रिकर ने कहा, मैं कुछ कमियां देखता हूं। परंतु मुझे नहीं लगता कि सुरक्षा से कोई समझौता हुआ है। एक बार जांच पूरी होने के बाद चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा के हर विवरण के बारे में चर्चा नहीं की जा सकती और कुछ बातें जांच के लिए छोड़ दीजिए।

पर्रिकर ने कहा कि उन्हें इस बात को लेकर चिंता है कि आतंकवादी कैसे वायुसेना अड्डे के भीतर घुस गए जिसकी परिधि 24 किलोमीटर है और जो करीब 2,000 एकड़ में फैला है। उन्होंने कहा कि गरूड़ कमांडो को छोड़कर कोई भी प्रत्यक्ष अभियान में नहीं मारा गया। पर्रिकर ने कहा, डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्प के पांच कर्मी बहुत हद तक बदकिस्मती के कारण मारे गए। इनमें से एक जगदीश चंद्र मारे जाने से पहले आतंकवादियों के साथ जूझे। आतंकवाद विरोधी अभियान को बहुत मुश्किल करार देते हुए उन्होंने कहा कि सभी संपत्तियां और इमारतें तथा परिवार सुरक्षित हैं। सिर्फ उस इमारत को नुकसान पहुंचा है जिसमें आतंकवादी थे।

उन्होंने सेना, वायुसेना और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के साझा प्रयासों की सराहना की तथा कहा कि उन्हें भविष्य में साझा प्रशिक्षण लेना चाहिए। मुख्य भूमिका के लिए सेना के विशेष बलों की बजाय एनएसजी का चुनाव करने को लेकर हो रही आलोचना को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, एनएसजी में 50 फीसदी सेना के लोग होते हैं। सेना की ओर से सभी संसाधन मुहैया कराए गए और उन्होंने मिलकर सहजता से काम किया। उन्होंने कहा कि शुरूआती ध्यान वायु अड्डे की सभी संपत्तियों को सुरक्षित रखने पर था जहां 3,000 परिवार रहते हैं और इनके अलावा पांच से छह देशों के विदेशी प्रशिक्षु भी हैं।

पाकिस्तान से आए घुसपैठियों को रोकने में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की नाकामी के बारे में पूछे जाने पर पर्रिकर ने मीडिया की खबरों का हवाला दिया जिनमें कहा गया है, बीएसएफ से पहले ही कहा गया है कि वह उन इलाकों के बारे में जानकारी दे जहां से आतंकवादियों ने प्रवेश किया होगा। पर्रिकर ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की जांच कर रही है और विवरण के बारे में उनकी ओर से कुछ कहना उचित नहीं होगा क्योंकि यह जांच का विषय है। उन्होंने बताया कि सभी रक्षा प्रतिष्ठानों का सुरक्षा ऑडिट किया जा रहा है।

उनकी ओर से मुहैया कराई गई जानकारी के अनुसार मुठभेड़ शनिवार तड़के 3:30 बजे आरंभ हुई और आतंकवादियों के साथ आखिरी संपर्क रविवार शाम करीब 7:30 बजे हुआ। पर्रिकर ने कहा कि इसके बाद से तलाशी अभियान चल रहा है क्योंकि अंदर बहुत सारे जिंदा बम हैं और ऐसे में शवों को बरामद करने में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि छठे आतंकवादी का शव अभी बरामद नहीं किया गया क्योंकि एजेंसियों को लगता है कि शव के साथ विस्फोटक हो सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा, हम जोखिम नहीं ले सकते। हम इस तरह से एक कर्मी को गवां चुके हैं। हमें किसी और को नहीं गंवाना चाहिए।

 

 

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