सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी इस आरोप की आंतरिक जांच के लिये गठित तीन जजों की समिति के समक्ष शुक्रवार को पेश हुई।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली इस समिति ने चैंबर में आज पहली बैठक की। समिति के दूसरे सदस्यों में शामिल महिला जज-जस्टिस इन्दु मल्होत्रा और जस्टिस इन्दिरा बनर्जी-भी बैठक में मौजूद थीं। समिति के सामने शिकायतकर्ता महिला और सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल पेश हुए।
सूत्रों के मुताबिक सेक्रेटरी जनरल इस मामले से संबंधित सारे दस्तावेज और सामग्री के साथ समिति के सामने प्रस्तुत हुए। वहीं इस मामले की सुनवाई के दौरान केवल शिकायतकर्ता महिला उपस्थित थी और सेक्रटरी जनरल इस कार्यवाही में शामिल नहीं थे। इस महिला के साथ वहां आने वाले वकील भी इस कार्यवाही का भाग नहीं थे।
महिला ने दिया था हलफनामा
महिला कर्मचारी ने एक हलफनामे पर सीजेआई पर यौन उत्पीड़न का आरेाप लगाते हुये इसे सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों के आवास पर भेजा था। इसी हलफनामे के आधार पर 4 समाचार पोर्टलों ने कथित यौन उत्पीड़न संबंधी खबर भी प्रकाशित की थी।
20 अप्रैल को सुनवाई के बाद गठित हुई थी जांच समिति
सीजेआई पर यौन उत्पीड़न के आरोप की खबरें सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल को ‘न्यायपालिका की स्वतंत्रता से संबंधित अत्यधिक महत्व का सार्वजनिक मामला’ शीर्षक से सूचीबद्ध प्रकरण के रूप में ऐतिहासिक तरीके से सुनवाई की थी। इसके बाद अदालत ने जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता में एक आंतरिक जांच समिति गठित की थी। इस समिति ने शुक्रवार को शिकायतकर्ता महिला और सेक्रेटरी जनरल को उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
समिति पर महिला ने जताई थी आपत्ति
शिकायतकर्ता महिला ने समिति में न्यायमूर्ति एन वी रमन को शामिल किये जाने पर आपत्ति जताई थी। इस घटनाक्रम के बाद न्यायमूर्ति रमन ने कथित यौन उत्पीड़न की शिकायत पर जांच के लिये गठित आंतरिक समिति से खुद को अलग कर लिया था।