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घर नहीं छोड़ना चाह रहे सीमावर्ती गांव के लोगों ने की बंकर बनाने की मांग

भारत के पाकिस्तान पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर खाली कराए जा रहे सीमावर्ती गांवों के लोगों ने अपना घर-बार छोड़ने से इनकार करते हुए नागरिक बंकरों के निर्माण की मांग की है।
घर नहीं छोड़ना चाह रहे सीमावर्ती गांव के लोगों ने की बंकर बनाने की मांग

भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुए ताजा तनाव के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की घटनाओं में वृद्धि देखने को मिली है। सीमाई क्षेत्र होने की वजह से गांव के लोग कभी भी दुश्मन की गोली का निशाना बन सकते हैं। इसी को देखते हुए सीमा से लगे गांवों को खाली कराया जा रहा है। लेकिन कई गांव वालों ने अपने घर-बार छोड़ने से इनकार कर दिया है और मांग की है कि उनकी सुरक्षा के लिए नागरिक बंकरों का निर्माण किया जाए। जम्मू कश्मीर के अखनूर तहसील स्थित पल्लनवाला निवासी दिशा देवी ने कहा, जब गोलीबारी हो रही थी और हमें भागने के लिए विवश होना पड़ा तब सरकार ने हमारी बस्तियों में सामुदायिक बंकर बनाने तथा सुरक्षित स्थानों पर भूखंड देने का वायदा किया था। उन्होंने कहा, हम लोगों ने उन बंकरों को नहीं देखा है। सरकार को बंकरों के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए थी, जिसका हम लोग अभी इस्तेमाल करते। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती बस्तियों में लोगों में दहशत पैदा हो रही है।

पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में रहने वालों का सुरक्षित स्थानों पर सरकार द्वारा संचालित सामुदायिक केंद्र में स्थानांतरण होना सालाना बात हो गई है। वर्ष 2013, 2014 और 2015 में सीमावर्ती लोगों को भारी गोलीबारी से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी थी। गोलीबारी की उन घटनाओं में कई लोगों की मौत हो गई थी जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए थे। भारी संख्या में मवेशी भी हताहत हुए थे। सीमा के पास स्थित गिगरियाल बस्ती के रमेश कुमार ने कहा कि सरकार युद्धस्तर पर बंकरों के निर्माण में शिथिल रही है। उन्होंने कहा कि निर्माण में अधिकारी काफी समय लेते हैं और कुछ बंकर ऐसे स्थान पर बनाए गए हैं जो काफी खराब हैं और इससे उनका मकसद ही समाप्त हो गया। नियंत्रण रेखा के पास स्थित पल्लनवाला, हमीरपुर और सैंथ सहित कई अन्य बस्तियों के निवासियों ने अपने मवेशियों और संपत्ति को छोड़कर घर से बाहर जाने में अनिच्छता जताई है। लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए बाध्य होना पड़ा क्योंकि उनके घरों के आसपास शरण के लिए पर्याप्त सामुदायिक बंकर नहीं थे। 

जम्मू के उपायुक्त सिमरनदीप सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से लगी सीमा पर 75 बंकरों के निर्माण के लिए मंजूरी मिली थी जिनमें 35 का निर्माण पूरा हो गया है जबकि 40 के लिए काम चल रहा है। जम्मू कश्मीर सरकार ने राज्य के 448 सीमावर्ती क्षेत्रों में 1,000 करोड़ रूपये की लागत से 20,000 से ज्यादा बंकर के निर्माण के लिए एक प्रस्ताव केंद्र को सौंपा है। पिछले साल दिसंबर में केंद्र ने पाक द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी के दौरान उपयोग के लिए समुदायिक बंकर बनाने का फैसला किया था।

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