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आसाराम मामले के गवाह की गोली लगने के बाद मौत

एक किशोरी के साथ कथावाचक आसाराम द्वारा कथित दुष्कर्म प्रकरण के गवाह कृपाल सिंह की शाहजहांपुर में बदमाशों की गोली लगने के बाद शनिवार देर रात मौत हो गई। इस मामले में गवाहों पर यह नौवां हमला और दूसरी मौत है।
आसाराम मामले के गवाह की गोली लगने के बाद मौत

बरेली के पुलिस क्षेत्राधिकारी मुकुल द्विवेदी ने बताया कि गम्भीर रूप से घायल स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराए गए 35 वर्षीय कृपाल सिंह की देर रात मृत्यु हो गई। पुलिस ने बताया कि कृपाल एक ट्रांसपोर्ट कंपनी का कर्मचारी था जिसके मालिक की बेटी ने 2013 में राजस्थान के जोधपुर में 74 साल के आसाराम पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। वह कभी आसाराम का विश्वासपात्र था। शुक्रवार की रात घर लौटते वक्त कैंट इलाके में मोटरसाइकिल सवार दो युवकों ने कृपाल को गोली मारकर गम्भीर रूप से घायल कर दिया था। नाजुक हालत में उसे बरेली के मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अपर नगर मजिस्टेट के समक्ष दर्ज बयान में कृपाल सिंह ने बताया था कि पिछले कई दिनों से आसाराम के गुर्गे शाहजहांपुर निवासी संजय, अजरून और राघव उसे धमकी दे रहे थे और गोली मारने में इन लोगों का हाथ हो सकता है। भागने से पहले दोनों हमलावरों ने कृपाल को आसाराम के खिलाफ गवाही देने को लेकर चेतावनी दी थी। गाैरतलब है कि आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में कृपाल अहम गवाह था।  करीब तीन महीने पहले आसाराम के खिलाफ उसका बयान अदालत में दर्ज किया गया था।

आसाराम सितंबर 2013 से जोधपुर की एक जेल में बंद है। उसके बेटे नारायण साई पर गुजरात के सूरत में दो बहनों ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। आसाराम के मामले में गवाह पर हमले की पिछली घटना जनवरी में हुई थी जब उत्तर प्रदेश में ही उसके खानसामे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब तक नौ गवाहों पर हमले हो चुके हैं जिनमें दो की मौत हो चुकी है।

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