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ईसाई संस्था पर फिर हमला

दिल्ली में अल्पसंख्यक संस्थाओं पर एक के बाद एक हमले हो रहे हैं। लेकिन केन्द्र सरकार और दिल्ली पुलिस जबानी जमा ख़र्च के अलावा कुछ नहीं कर रही है। पुलिस अब तक हमलावरों का पता लगाने में नाकाम रही है।
ईसाई संस्था पर फिर हमला

कुछ अल्पसंख्यक विरोधी लोगों ने एक बार फिर दक्षिण दिल्ली के बसंत कुंज इलाक़े में एक ईसाई स्कूल पर हमला किया है। यहां के होली चाइल्ड आक्जीलियम स्कूल में तोड़फोड़ की गई है।

इस घटना के बाद राजधानी के ईसाई समुदाय में एक बार फिर दहशत का माहौल है।

कुछ ही दिन पहले दिल्ली के एक चर्च में भी तोड़फोड़ की गई थी।

पिछले दो महीनों में इस तरह की कुल छह घटनाएं हो चुकी हैं।  

ताज़ा घटना के बाद होली चाइल्ड स्कूल को बंद कर दिया गया और छात्रों से अपने घरों को जाने को कहा गया। पुलिस का कहना है कि वह मामले की जांच जारी है और सुरक्षित बचे सीसीटीवी कैमरे की जांच भी कर रही है।

ईसाई समुदाय की संस्थाओं पर हो रहे हमलों के ख़िलाफ़ कई संगठनों ने मिलकर पिछली बार प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मामले में सख्य कार्रवाई करने की मांग की।

आज पहली बार प्रधानमंत्री ने इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी को तलब किया और उनसे मामले की जानकारी ली। मोदी ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश भी दिया है।

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी भारत में बढ़ रही धार्मिक असहिष्णुता की तरफ़ इशारा किया था। ओबामा ने कहा था कि अगर महात्मा गांधी जीवित होते तो ऐसे हालात को देखकर उन्हें भी सदमा लगता। अब लगता है कि अमेरिका को ख़ुश करने में लगी मोदी सरकार पर इस राय का असर पड़ रहा है। लेकिन जब तक नफरत की राजनीति पर रोक नहीं लगेगी इस तरह की घटनाओं को रोक पाना मुश्किल है। 

सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का पितृ संगठन आरएसएस लगातार धर्मांतरण के मुद्दे पर ईसाईयों पर निशाना साधता रहता हैं। वर्तमान हमलों की घटनाओं को भी नफरत की इस राजनीति से हटकर नहीं देखा जा सकता है।   

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