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बहल का ड्रामा या सरकारी दबाव?

समय 11.45, स्थान प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया से भरा सम्मेलन कक्ष। सबकी निगाहें कक्ष में लगे स्क्रीन पर टिकी हुई थी। चैनलों के ओबी वैनकर्मी फुटेज के लिए केबल को इधर से उधर करने में लगे हुए।
बहल का ड्रामा या सरकारी दबाव?

कोई बड़ा खुलासा होना है इसलिए मीडियाकर्मियों को बेसब्री से इंतजार है कि आज कौन सी धमाकेदार खबर कोबरा पोस्ट लेकर आ रहा है। कोबरा पोस्ट जो कि खोजी खबरों के लिए अपनी अलग पहचान बना चुका है जिसका संचालन खोजी पत्रकार अनिरुद्ध बहल करते हैं।

लेकिन अनिरुद्ध बहल ने मंगलवार को मीडिया को ऐसा बेवकूफ बनाया जिसकी कल्पना मीडियाकर्मियों ने भी नहीं की थी। एक दिन पहले विभिन्न मीडिया समूहों और पत्रकारों को सूचना दी गई कि कोबरा पोस्ट भारत में ऐसे आतंकी नेटवर्क का खुलासा करने वाला है जिसका संबध आईएसआई और तालिबान से है। सूचना में यह भी बताया गया कि दिल्ली के गोल्फ कोर्स में इस समूह के लोगों की बातचीत और वीडियो फुटेज कोबरा पोस्ट के पास है। साथ ही यह भी बताया गया कि अफगानिस्तान के एक मंत्री का दिल्ली में अवैध तरीके से रियल एस्टेट का कारोबार हो रहा है। इसके अलावा छत्तरपुर के एक फार्म हाउस में अमेरिकी डेल्टा फोर्स के सैनिक ठहरे थे। मीडिया को दिए गए निमंत्रण में कोबरा पोस्ट ने दिल्ली पुलिस से लेकर खुफिया एजेंसियों की भूमिका को लेकर सवाल उठाए थे। कोबरा पोस्ट ने इसका जवाब भी जानना चाहा।

लेकिन देर तक सम्मेलन कक्ष में लगे स्क्रीन पर एक कॉमिक्स दृश्य ही उभर रहा था। बहल ने मंच संभाला और बताया कि आज कोई खुलासा नहीं होना था। बल्कि इस कॉमिक्स का लोकार्पण होना था। जिसका शीर्षक द कोबरापोस्ट अफेयर बस फिर क्या था मीडियाकर्मी अवाक रह गए। सब एक दूसरे से पूछ  रहे हैं इसलिए बुलाया था। यह तो हमें बेवकूफ बनाया गया। कई पत्रकारों ने बहल से सवाल भी किया क्या आज ही अप्रैल फूल मना लिया। बहल का जवाब था कि बेवकूफ नहीं बनाया, इस कॉमिक्स में भी सनसनीखेज बातें हैं जिसका जिक्र आमंत्रण पत्र में किया गया है बस उसमें कॉमिक्स के बारे में नहीं बताया गया है।  

लेकिन सवाल यह है कि इतने बड़े पत्रकार ने मीडिया को बेवकूफ क्यों बनाया। महज 15 मिनट के कार्यक्रम  के बाद बहल को हर पत्रकार अपने-अपने तरीके से विश्लेषित कर रहा था। लेकिन बहल ने इतना ही कहा कि कुछ सस्पेंस होना चाहिए तभी कहानी में मजा आता है। मीडियाकर्मियों के बीच इस बात की भी चर्चा थी कि बहल कोई खुलासा करने वाले थे लेकिन उनके ऊपर दबाव आ गया इसलिए उन्होने कार्यक्रम की रूपरेखा बदल दी। अब दबाव था या नहीं इसका जवाब तो बहल ही दे सकते हैं।  

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