Advertisement

भारत बंद के दौरान सांसद पप्पू यादव पर हुआ हमला, फूट-फूटकर रोए

केंद्र सरकार की तरफ से एससी/एसटी ऐक्ट में किए गए संशोधन के बाद गुरुवार को सवर्ण संगठनों द्वारा बुलाए गए...
भारत बंद के दौरान सांसद पप्पू यादव पर हुआ हमला, फूट-फूटकर रोए

केंद्र सरकार की तरफ से एससी/एसटी ऐक्ट में किए गए संशोधन के बाद गुरुवार को सवर्ण संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का बिहार में सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। लोगों ने सड़कें और ट्रेनों के ट्रैक तक जाम कर दिए। इस दौरान कई जगह से छिटपुट हिंसा की खबरें भी सामने आई हैं।

वहीं, बिहार के मधेपुरा से सांसद और जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने अपने साथ मारपीट का आरोप लगाया है।

पप्पू यादव ने ट्विटर पर वीडियो शेयर कर अपने साथ हुई घटना की आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा, 'नारी बचाओ पदयात्रा में मधुबनी जाने के दौरान हमारे काफिले पर भारत बंद के नाम पर गुंडों ने हमला किया, कार्यकर्ताओं को बुरी तरह जाति पूछ-पूछकर पीटा। हमने जब विरोध किया तो हम पर भी हमला किया। अगर हमारे सुरक्षाकर्मी ना होते तो ये लोग हमें भी मार डालते।' उन्होंने रोते हुए कहा, 'मैंने जिले के एसपी को फोन, आईजी को फोन किया, सीएम को फोन किया मगर किसी ने मेरा फोन नहीं उठाया।'

पप्पू यादव ने मुजफ्फरपुर शेल्टर कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर हमले का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया, 'राज्य और केंद्र की सरकारें देश को जातीय-साम्प्रदायिक हिंसा-प्रतिहिंसा की आग में झोंक देना चाहती हैं। Y कैटेगरी सिक्युरिटी प्राप्त सांसद पर कट्टा लहराकर हमला हो सकता है तो आम लोगों की क्या दशा होगी? मैं नारी बचाओ पदयात्रा पर था इसीलिए ब्रजेश के संरक्षकों ने हमला करवाया है।'

बिहार में बंद के दौरान हुईं हिंसा की घटनाएं

बिहार के आरा जिले के रेलवे स्टेशन में सवर्णों ने ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया। तो वहीं मधुबनी में नेशनल हाइवे 105 को आंदोलनकारियों ने जाम कर दिया। लंबा जाम लगने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा नैशनल हाइवे 31 को भी जाम करके आंदोलनकारी केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

-बिहार के जहानाबाद में बंद कर रहे समर्थकों ने पथराव किया है।

- बिहार के आरा में बंद समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई। समर्थकों ने पुलिस पर पथराव भी किया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बंद समर्थकों लाठीचार्ज किया।

महाराष्ट्र के ठाणे में भी सवर्ण समुदाय के लोग सड़क पर उतरे हैं।

उत्तर प्रदेश के संभल और मुजफ्फरनगर में भी धारा 144 लागू कर दी गई है।

- बिहार के आरा में सवर्णों ने आरा रेलवे स्टेशन के पास लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस को रोक दिया गया है। बिहार के कई हिस्सों में लोगों ने आगजनी कर विरोध जताया। दरभंगा और मसूदन में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को रोका, भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे।

- भारत बंद को देखते हुए मध्यप्रदेश के दस जिलों में धारा 144 लागू की गई है। मध्यप्रदेश के भिंड, ग्वालियर, मोरेना, शिवपुरी, अशोक नगर, दतिया, श्योपुर, छत्तरपुर, सागर और नरसिंहपुर में धारा 144 लागू की गई है।

- मध्यप्रदेश में मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही पेट्रोल पंप भी दिन भर बंद रहेंगे।

मध्य प्रदेश में एससी-एसटी एक्ट को लेकर सबसे तेज विरोध देखा जा रहा है। कई केंद्रीय मंत्रियों का घेराव करने के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जूता फेंकने, गाड़ी पर पथराव और काले झंडे दिखाए जाने की अनेक घटनाएं हुईं।

- बिहार में बंद का अच्छा खासा असर देखा जा रहा है। बिहार के खगड़िया में सवर्णों के समूह ने NH31 पर जाम लगा दिया है।

- उत्तर प्रदेश में कुल 11 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी लखनऊ सहित बिजनौर, इलाहाबाद, आजमगढ़, बरेली जैसे कई शहरों में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। ताकि किसी भी तरह के हालातों से निपटा जा सके।

राजस्थान में सवर्णों ने सड़क पर उतरने का ऐलान किया है। गुरुवार सुबह भारत बंद का असर यहां भी दिखना शुरू हुआ और जयपुर के स्कूल, कॉलेज और मॉल सब बंद दिखाई दिए।

क्या है मामला?

यह पूरा विवाद उस एससी-एसटी एक्ट को लेकर है, जिसमें मोदी सरकार ने संशोधन करते हुए सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया था। एससी-एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18A को जोड़ते हुए पुराने कानून को बहाल कर दिया जाएगा। इस तरीके से सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए सभी प्रावधान रद्द हो जाएंगे।

ऐसे में अब सरकार द्वारा किए गए संशोधन के बाद इस मामले में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी का प्रावधान है। इसके अलावा आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं मिलेगी, बल्कि हाई कोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी। अब जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल संबंधी शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा और मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी करेंगे। एससी-एसटी मामलों की सुनवाई सिर्फ स्पेशल कोर्ट में होगी। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर करने से पहले जांच एजेंसी को अथॉरिटी से इजाजत भी नहीं लेनी होगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad