मुंबई क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में कार्यरत सचिन वझे को उनके पद से हटा दिया गया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आज विधानसभा में इसकी जानकारी दी। बता दें कि सचिन वजे वहीं अधिकारी हैं जो उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक स्कॉपियों में मिली जिलेटिन की छड़ मामले की जांच से जुड़े थे।
स्कॉपियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के बाद उनकी पत्नी और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने वझे पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इस सिलसिले में मुंबई पुलिस के मुठभेड़ विशेषज्ञ सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वजे की गिरफ्तारी की मांग के बाद महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार को कुछ-कुछ देर के लिए सात बार और बाद में पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
फडनवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को कहा कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर पिछले महीने विस्फोटक से लदी जो कार मिली थी, वह घटना के चार महीने पहले तक वजे के कब्जे में थी। कार के मालिक मनसुख हिरेन को बाद में मृत पाया गया। फडनवीस ने दावा किया कि मनसुख हिरेन की पत्नी को शक है कि वजे ने उनके पति की हत्या कर दी।
फडनवीस ने सदन में मनसुख हिरेन की पत्नी के एक बयान को पढ़ा और कहा कि वजे ने हिरेन को खुद को गिरफ्तार कराने की सलाह दी थी और उसे जमानत पर रिहा कराने का वादा किया था। उनकी पत्नी ने उन्हें इसके खिलाफ सलाह दी और हिरेन ने अग्रिम जमानत के लिए कानूनी मदद मांगी। फडनवीस ने दावा किया कि हिरेन की पत्नी को संदेह है कि वजे ने उनके पति हत्या कर दी, इसलिए वजे को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मनसुख हिरेन के फोन का अंतिम लोकेशन शिवसेना नेता धनंजय गावड़े के कार्यालय के पास था। गावड़े और सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वजे को 2017 में जबरन वसूली के एक मामले में नामित किया गया था। उनके बयान के बाद विधानसभा में हंगामा मच गया और विपक्षी सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
वर्ष 2002 में घाटकोपर बम विस्फोट मामले में एक संदिग्ध व्यक्ति ख्वाजा यूनुस की हिरासत में मृत्यु के आरोप में साल 2007 में, 14 अन्य पुलिसकर्मियों के साथ वझे को निलंबित कर दिया गया था लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में वझे को बहाल कर दिया था।