1984 के सिख दंगों को लेकर मचे बवाल पर आखिरकार कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने माफी मांग ली है। पित्रोदा ने कहा कि उनकी हिंदी खराब है, वे 'जो हुआ वो बुरा हुआ' कहना चाहते थे। उनका कहना है कि बुरा हुआ को वे दिमाग में ट्रांसलेट नहीं कर पाए। उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस पर सिख दंगे को लेकर निशाना साधने के बाद सैम पित्रोदा ने पीएम मोदी की आलोचना की। इस दौरान एक प्रश्न के उत्तर में पीएम पर टिप्पणी करते हुए पित्रोदा ने कहा, “अब क्या है 84 का? आपने क्या किया पांच साल में उसकी बात करिए। 84 में हुआ तो हुआ, आपने क्या किया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पित्रोदा के बयान की आलोचना करते हुए उसका वीडियो भी ट्वीट किया।
राजनीतिक दलों ने दी तीखी प्रतिक्रिया
पित्रोदा के इस बयान के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पित्रोदा के बयान को ट्वीट किया और कांग्रेस से सवाल किया। वहीं, केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पित्रोदा की टिप्पणियों को "हैरान" करने वाला बताया। जावड़ेकर ने कहा, "पित्रोदा कहा कि 1984 में नरसंहार हुआ। तो क्या? देश को यह पूरी तरह से नामंजूर है और हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।" जावड़ेकर ने कहा, "पित्रोदा राजीव गांधी के साथी और राहुल गांधी के गुरू हैं, यदि गुरू ऐसा है तो 'चेला' कैसा होगा?"
इस पर शिरोमणि अकाली दल ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी ही। भाजपा और अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को अमृतसर में पित्रोदा के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी किया और उनसे माफी की मांग की।
अपने बयान पर दी सफाई
सैम पित्रोदा ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया है। पित्रोदा ने ट्वीट कर कहा, 'सत्य को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है, सोशल मीडिया के जरिए झूठ को फैलाया जा रहा है और लक्षित लोगों को व्यवस्थित ढंग से डराया जा रहा है। हालांकि, सत्य की हरदम जीत होगी और झूठ का पर्दाफाश होगा। यह बस समय की बात है, धीरज रखिए।'
पित्रोदा ने ट्वीट किया कि उस समय सिख भाइयों और बहनों को हुए दर्द को अनुभव कर सकता हूं। भाजपा मेरे इंटरव्यू के तीन शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। वे हमें बांटना और अपनी नाकामियों को छिपाना चाहते हैं।
साथ ही पित्रोदा ने स्वर्ण मंदिर में 8 मई को माथा टेकने की अपनी तस्वीर को ट्वीट किया। स्वर्ण मंदिर में ली गईं अपनी 2 दूसरी तस्वीरों को ट्वीट करते हुए 'स्वर्ण मंदिर की यात्रा जीवनपर्यंत याद रहने वाली दिव्य अनुभूति है और इस महान धर्म के इतिहास के बारे में जानकारी देती है।'