भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक सुरेंद्र सिंह ने योगी सरकार से राज्य में शराब की बिक्री की अनुमति देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। विधायक ने कहा है कि राजस्व और मानव जीवन की तुलना करना उचित नहीं है। गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य में राजस्व सृजन के लिए अन्य उपाय भी किए जा सकते हैं। बता दें, लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की दुकान खोलने की अनुमति दे दी है। साथ ही शराब के दामों में भी बढ़ोतरी की गई है।
'राजस्व के लिए मानव जीवन के साथ समझौता करना उचित नहीं'
भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हवाला देते हुए कहा कि नीतीश कुमार ही केवल एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने सूबे के लोगों के हित को देखते हुए राज्य के बड़े राजस्व स्रोत पर प्रतिबंध लगा दिया। विधायक ने यह भी कहा कि शराब की बिक्री को लेकर बिहार सरकार ने यह भी कहा है कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से शराब की बिक्री संभव नहीं है। राजस्व के लिए मानव जीवन के साथ समझौता करना उचित नहीं है।
विधायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल नीतीश कुमार ही "जनसेवक" का काम कर रहे हैं, न कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
राज्य सरकार ने दाम में किया इजाफा
गौरतलब है कि दिल्ली, तमिलनाडु, छतीसगढ़ सरीखे कई राज्यों की तरह यूपी सरकार ने भी लॉकडाउन के तीसरे चरण की शुरुआत के साथ राज्य में शराब दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है। साथ ही बुधवार को इसके दाम में भी इजाफा कर दिया गया। देशी शराब पर 5 रुपए की वृद्धि की गई। यानी 65 रुपए में मिलने वाली शराब अब 70 रुपए में मिलेगी। जबकि 180ML तक की विदेशी शराब पर 10 रुपए और 180 ML+ से 500 ML तक की शराब पर 20 रुपए जबकि 500 ML से ज्यादा पर 30 रुपए की वृद्धि की गई। वहीं, राज्य सरकारों ने आयातित शराब में 100-180ML तक 100 रुपए, 180-500ML तक 200 रुपए और 500ML से अधिक पर 400 रुपए की वृद्धि की। लंबे समय से बंद शराब की दुकान को अचानक खोलने के फैसले के बाद लॉकडाउन और कोरोना वयारस के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए लोगों का हुजूम शराब खरीदने के लिए उमड़ रहा है। जिसको देखते हुए दिल्ली, तमिलनाडु समेत कई राज्यों ने दाम में बढ़ोतरी कर दी है।