घटना 16 अप्रैल को आईएनएस निरीक्षक में घटी और अभी तक इस पर चुप्पी साध रखी नौसेना ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है। नौसेना के एक अधिकारी ने कहा कि यह विस्फोट उस समय हुआ जब गोताखोरी के लिए इस्तेमाल होने वाली बोतल चार्ज की जा रही थी। यह 12 इंच की ऑक्सीजन की बोतल होती है जिसे गोताखोर अपने साथ ले जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के इतिहास में इस तरह की घटना पहले कभी नहीं घटी। यह विस्फोट उस समय हुआ जब चालक दल के सदस्य पोत के डेक पर काम कर रहे थे। इस घटना में तीन नाविक घायल हुए। उनमें से एक को गंभीर चोटें आईं और उसका दाहिना पैर घुटने से काट दिया गया है। दो अन्य नाविकों के पेट और पैर में चोटें आईं हैं। घायल नाविकों को त्रिवेन्द्रम के सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। इन नाविकों की हालत स्थिर बताई गई है और अब इन्हें मुंबई ले जाया गया है। नौसेना का यह पोत विशाखापत्तनम से मुंबई जा रहा था।