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केंद्र तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के अलावा किसी भी अन्य प्रस्ताव पर चर्चा को तैयार- नरेंद्र सिंह तोमर

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसान तीन कानूनों को रद्द करने की मांग के अलावा किसी भी अन्य...
केंद्र तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के अलावा किसी भी अन्य प्रस्ताव पर चर्चा को तैयार- नरेंद्र सिंह तोमर

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसान तीन कानूनों को रद्द करने की मांग के अलावा किसी भी अन्य प्रस्ताव को लेकर आए तो केंद्र प्रस्ताव पर चर्चा करने को तैयार है। तोमर ने कहा है, "किसान संघ को मैंने एक बार नहीं कई बार कहा है कि तीन कानूनों को रद्द करने के अतिरिक्त वो कोई भी प्रस्ताव लेकर हमारे पास आए हम उस प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। एपीएमसी समाप्त नहीं होगी बल्कि एपीएमसी और मजबूत हो। इसके लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।"

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दरअसल, बीते छह महीनों से भी अधिक समय से देशभर के किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में डेरा डाले बैठे हैं। किसानों की मांग है कि नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। जबकि केंद्र इस बात पर अड़ी है कि संशोधन करने के लिए वो तैयार है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इस कानून पर अंतरिम रोक लगा चुका है। अब तक किसान और केंद्र के बीच दस से अधिक बार बैठक हो चुकी है।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है, “हमारे देश में एक बड़े क्षेत्र में नारियल की खेती होती है। इसका उत्पादन बढ़े और किसानों को सहूलियत दिया जा सके इसके लिए 1981 में नारियल बोर्ड एक्ट लाया गया था इसमें हम संशोधन करने जा रहे हैं। बोर्ड का अध्यक्ष गैर शासकीय व्यक्ति होगा।“

आगे तोमर ने कहा है, “बजट में कहा गया था कि मंडियां समाप्त नहीं होगी बल्कि मंडियों को और मज़बूत किया जाएगा। मंडियों को और संसाधन मिले इस दृष्टि से प्रयास किया जाएगा। कृषि अवसंरचना फंड को आत्मनिर्भर भारत के तहत 1 लाख करोड़ रुपये प्रवर्धित किया गया है उस फंड का उपयोग एपीएमसी कर सकेगी।“

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