केंद्रीय सूचना आयोग में 33 हजार आवेदनों की भीड़ लगी हुई है और इसे कम करने के लिए कई योजनाओं पर काम चल रहा है। इसमें से एक तरीका यह खोजा जा रहा है कि आवेदनों की रिजिस्ट्री प्रक्रिया को आधुनिक और व्यवस्थित किया जाए। केंद्रीय सूचना आयोग में रिजस्ट्री के काम को आउटसोर्स करने पर भी विचार चल रहा है।
आयोग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस बात पर सहमति बन गई है कि जिस तरह से पासपोर्ट का काम बाहरी एजेंसी को सौंप दिया गया और उससे पासपोर्स बनवाने की पूरी प्रक्रिया सुगम और सरल हो गई है, उसी तरह से सूचना के अधिकार के लिए आवेदन की रिजिस्ट्री प्रक्रिया को भी किसी बाहरी सक्षम एजेंसी को दे दिया जाए, ताकि चीजें अधिक व्यवस्थित हो सकें। अभी दिक्कत यह होती है कि केंद्रीय आयोग के पास जो आवेदन आते हैं, उनमें कागज पूरे नहीं होते। कई बार आवदेक आधे-अधूरे कागजातों के साथ ही आवेदन कर देते हैं। जब फाइल संबंधित अधिकारी तक पहुंचती है, तब जाकर पता चलता है कि इसमें कई और तरह की जानकारियों की जरूरत है। इस प्रक्रिया में बहुत समय बर्बाद हो जाता है। इसके अलावा, एक ही तरह की जानकारी मांगने वाले अलग-अलग आवेदन आते हैं। इन सबके लिए अलग-अलग प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। अब केंद्रीय सूचना आयोग इस योजना पर काम कर रहा है कि एक ही तरह की जानकारी मांगने वाले आवेदनों को एक साथ करके जवाब दिया जाए। सारी जानकारी को हासिल करने और उनके पारदर्शी ढंग से निस्तारण के लिए अलग से सॉफ्टवेयर बनाने की योजना पर काम चल रहा है।