अपने रुख में बदलाव लाते हुए केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सुझाया कि सिनेमाघरों में किसी फिल्म की शुरूआत से पहले राष्ट्रगान बजाने को अनिवार्य बनाने के उसके पहले के आदेश में बदलाव किया जाना चाहिए।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्र ने कहा कि एक अंतर-मंत्रालयीन समिति बनाई गयी है क्योंकि उन परिस्थितियों और अवसरों को वर्णित करने वाले दिशानिर्देश तय करने के लिए गहन विचार-विमर्श जरूरी हैं जब राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए।
सरकार ने कहा कि शीर्ष अदालत तब तक पूर्व की यथास्थिति बहाल करने पर विचार कर सकती है यानी 30 नवंबर 2016 को इस अदालत द्वारा सुनाये गये आदेश से पहले की स्थिति को बहाल कर सकती है। इस आदेश में सभी सिनेमाघरों में फीचर फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य किया गया था।
सरकार ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सीमा प्रबंधन की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयीन समिति बनाने का फैसला किया है जिसमें रक्षा, विदेश, संस्कृति, महिला और बाल विकास तथा संसदीय कार्य मंत्रालय समेति विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि होंगे।
केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि इसमें सूचना और प्रसारण तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालयों, विधि मामलों के विभाग, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग तथा विकलांग जन अधिकारिता विभाग के प्रतिनिधि भी होंगे।
सरकार ने कहा कि समिति को राष्ट्रगान से जुड़े अनेक विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श करना होगा और कई मंत्रालयों के साथ गहन मंथन करना होगा। समिति इसके गठन से छह महीने के अंदर अपनी सिफारिशें देगी।