गौरतलब है कि मंगलवार को हांगलू ने था कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के दबाव के चलते वह विश्वविद्यालय को आगे नहीं बढ़ा सकते। मीडिया में प्रमुखता से इस खबर के आने के बाद हंगामा भी होने लगा। बसपा प्रमुख मायावती ने बयान जारी कर कहा कि देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है। पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति के बयान के बाद से सियासी पारा भी चढ़ने लगा। लेकिन जब हांगलू पर दबाव बनाया गया तो उन्होने इसे मीडिया की साजिश करार दिया।
बुधवार को हांगलू ने राज्यसभा के अध्यक्ष को पत्र लिखकर मीडिया में आए बयान को गलत बताते हुए उसे संज्ञान में न लेने की अपील भी की। साथ ही उन्होने कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया। हांगलू ने पत्र में कहा कि विश्वविद्यालय को अागे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं और मानव संसाधन विकास मंत्री का भी सहयोग मिल रहा है। हांगलू के मुताबिक उन्होने यह जरूर कहा कि स्थानीय नेताओं की ओर से बेवजह दबाव बनाया जा रहा है। इसमें भाजपा, सपा और कांग्रेस के अलावा संघ के लाेग भी शामिल हैं।
बुधवार को ही बसपा प्रमुख मायावती ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साध्ाा। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार संघ के एजेंडे को बढ़ाने के लिए शिक्षण संस्थानों पर दबाव बना रही है। उन्होने कहा कि आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय ही नहीं देश के कई उच्च शिक्षण संस्थान संकट में हैं।