सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यह अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है। शीर्ष अदालत के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस चेलमेश्वर और जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस मदन लोकुर ने अदालत के प्रशासन में अनियमितताओं पर सवाल उठाए। जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि हमने चीफ जस्टिस से मुलाकात कर उन्हें बताया कि सबकुछ सही नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा कि हम चारों ने आज सुबह चीफ जस्टिस से मुलाकात की और इस मामले को उनके सामने उठाया।
In a first, four judges appeal to nation to save Supreme Court
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— ANI Digital (@ani_digital) January 12, 2018
ताकि 20 साल बाद न उठे सवाल
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि हम नहीं चाहते कि आज से 20 साल बाद लोग ये कहें कि चारों वरिष्ठ जजों ने अपनी आत्मा बेच दी। इसलिए जब हमारी बात नहीं सुनी गई तो हमें यह कदम उठाना पड़ा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने पूछा कि उन्होंने किस मामले को लेकर चीफ जस्टिस को पत्र लिखा तो जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि यह एक केस के असाइनमेंट से जुडा था। जब यह पूछा गया कि क्या यह जज जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत से जुड़ा मामला है तो कुरियन ने कहा कि हां। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत वाले मामले को बेहद गंभीर बताया था।
उधर, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आरएस सोढ़ी ने कहा कि मेरे हिसाब से इन चारों जजों के खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए। उन्हें अब वहां बैठने और फैसले देने का अधिकार नहीं है। यह ट्रेड यूनियनिज्म गलत है।
I think all 4 judges should be impeached, they have no business to sit there and deliver verdicts anymore. This trade unionism is wrong. Democracy in danger is not for them to say, we have parliament, courts, police functioning: Justice R.S. Sodhi (Retd) pic.twitter.com/bBFW8v5rkv
— ANI (@ANI) January 12, 2018