छत्तीसगढ़ में शनिवार को हुए नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए जबकि 31 घायल हुए हैं। सुरक्षाबलों ने सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर ऑपरेशन शुरू किया था जिसके बाद घंटों चली गोलीबारी में इतने जवान शहीद हो गए। आखिर इस घटना के पीछे किसे मास्टरमाइंड माना जा रहा है?
दरअसल, इस ऑपरेशन को शुरू करने के पीछे एक खुफिया सूचना थी। सुरक्षाबलों को यह जानकारी मिली थी कि वांछित नक्सली नेता हिडमा छत्तीसगढ़ के जंगलों में छिपा है। माना जा रहा है कि हिडमा ही शनिवार के हमले का मास्टरमाइंड है।
खबरों के अनुसार जहां यह अभियान चलाया गया वहां पहले से ही नक्सलियों का ग्रुप हमले के लिए प्रतीक्षा कर रहा था और जब सुरक्षाबल के जवान वहां पहुंचे तो उनपर तीन घंटे तक लगातार जमकर फायरिंग हुई।
अब बात करते हैं हिडमा की जिसे इस घटना का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। हिडमा की उम्र 40 साल के करीब है और वह सुकमा जिले के पुवर्ती गांव का आदिवासी है। वह 90 के दशक में नक्सली बना। वह पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की बटालियन नंबर 1 का मुखिया है। हिडमा को उसके भयंकर और घातक हमलों के लिए जाना जाता है। हिडमा लगभग 180 से 250 नक्सलियों का समूह का सरगना है, उनके समूह में महिलाएं भी शामिल हैं।
दिलचस्प बात है कि हिडमा की हाल के दिनों वाली कोई तस्वीर तक उपलब्ध नहीं है। हिडमा कितना कुख्यात है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके ऊपर 40 लाख रुपये का इनाम है।
एनआईए ने भी हिडमा के विरुद्ध भी मंडावी हत्या मामले में चार्ज शीट फाइल की है। भीमा मंडावी भाजपा विधायक थे। अप्रैल 2019 में दंतेवाड़ा में उनपर हमला हुआ था, जिसमें वह, उनका ड्राइवर और 3 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।
माना जा रहा है कि शनिवार को भी पीएलजीए बटालियन अपने कमांडर हिडमा की अगुवाई में ही काम कर रही थी।