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बताना होगा, नोटबंदी के बाद पकड़ा कितना कालाधन

नोटबंदी के बाद पकड़े गए कालेधन का ब्योरा सरकार को देना होगा। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने वित्त...
बताना होगा, नोटबंदी के बाद पकड़ा कितना कालाधन

नोटबंदी के बाद पकड़े गए कालेधन का ब्योरा सरकार को देना होगा। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने वित्त मंत्रालय को इससे जुड़े सालभर पुराने सूचना के अधिकार (आरटीआइ) आवेदन का जवाब देने का निर्देश दिया है। हालांकि मुख्य सूचना आयुक्‍त आरके माथुर ने आरटीआइ कानून के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय पर जुर्माना नहीं लगाया है, क्योंकि उसके अधिकारियों ने आवेदन का जवाब देने में देरी के लिए माफी मांग ली है। 

माथुर ने कहा कि इस विभाग के सीपीआइओ या संबंधित प्रमुख को भविष्य में सावधानी बरतने और भविष्य में आरटीआइ कानून की समयसीमा का अनुपालन करने को कहा गया है। आरटीआइ कानून के तहत केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआइओ) ने यदि किसी आवेदन का जवाब 30 दिन के भीतर नहीं दिया है, तो आयोग को उस पर जुर्माना लगाने का अधिकार है। यदि आयोग इस बात से संतुष्ट है कि देरी के पीछे कोई उचित वजह नहीं है या फिर किसी गलत मंशा से जवाब नहीं दिया गया है, तो वह जुर्माना लगा सकता है।

यह मामला खालिद मुंदापिल्ली से संबंधित है जिन्होंने 22 नवंबर 2016 को आरटीआइ कानून के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से इस सवाल का जवाब मांगा था। इससे कुछ दिन पहले  8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1,000 और 500 के नोट बंद करने की घोषणा की थी। मुंदापिल्ली के आवेदन का 30 दिन में जवाब नहीं दिया गया। उसके बाद 9 जनवरी 2017 को उन्होंने आयोग के पास पीएमओ की शिकायत की।

पीएमओ के अधिकारी ने आयोग को बताया कि उनके आवेदन को पिछले साल 25 जनवरी को जवाब के लिए राजस्व विभाग को भेज दिया गया। मुंदपिल्ली ने आयोग को बताया कि पीएमओ द्वारा उनका मामला राजस्व विभाग के पास भेजे जाने के एक साल बाद भी उनके आरटीआइ आवेदन का जवाब नहीं दिया गया। माथुर ने  राजस्व विभाग के सीपीआइओ को आरटीआइ कानून के तहत ताजा आदेश के 30 दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।

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