नयी दिल्ली। लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच आज का दिन बहुत ही विवादास्पद बन गया। सदन में जब दिल्ली उच्च न्यायालय संशोधन विधेयक 2015 पर चर्चा चल रही थी तब विपक्ष के सदस्य ललित मोदी प्रकरण, व्यापमं घोटाले और अन्य मुद्दों पर सरकार के कार्रवाई न किए जाने पर विरोध जताते हुए लगातार हंगामा कर रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने अपने हाथ में पकड़ी हुई तख्ती को स्पीकर की मेज पर जोर से पटक दिया। जिसके बाद हुए हंगामे के बीच घटना से नाराज स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।
दरअसल हंगामे के दौरान अधीर रंजन चौधरी स्पीकर के आसन के पास पहुंच गए और अपने हाथों में पकड़ी हुई तख्ती को स्पीकर की मेज पर जोर से पटक दिया। उस दौरान चौधरी ने कुछ कहा भी लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी। इस घटना से नाराज लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन की बैठक एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक स्थगित किए जाने के बाद भी कुछ भाजपा सदस्य चौधरी के आचरण पर विरोध जताते हुए देखे गए। कांग्रेस सांसद चौधरी के सदन में किए गए आचरण की देश भर में निंदा हो रही है। सोशल साइट्स पर भी लोग सदन में एक सांसद के इस तरह के व्यवहार की कड़ी भर्तसना कर रहे हैं।
इस घटना से पहले आज लोकसभा में कांग्रेस, वाम दलों और टीआरएस के 30 से अधिक सदस्य आसन के समक्ष नारेबाजी कर रहे थे। विपक्षी सदस्य विभिन्न विवादों के चलते विदेश मंत्री, राजस्थान की मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। उनमें से कई के हाथों में तख्तियां थीं। हंगामा कर रहे सांसद वी वाॅन्ट जस्टिस और अन्य नारे लगा रहे थे। शोर गुल के बावजूद स्पीकर महाजन ने सदस्यों से नियम 377 के तहत आवश्यक मुद्दे उठाने को कहा। बाद में कानून मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने दिल्ली उच्च न्यायालय संशोधन विधेयक 2015 को विचार के लिए पेश किया। और इसी दौरान सांसद चौधरी ने अपने हाथ में ली हुई तख्ती को अध्यक्ष की मेज पर पटक दिया जिससे सभी आवाक रह गए। बाद में चौधरी ने अपने आचरण के लिए अध्यक्ष से माफी मांगी पर उनके माफी के आग्रह को अस्वीकार करते हुए अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उन्हें लोकसभा से दिन की शेष कार्यवाही के लिए निलंबित कर दिया। इसके पहले चौधरी ने अपना पक्ष रखने के बाद बिना शर्त माफी मांगी लेकिन अध्यक्ष ने इसे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि उन्होंने अंतर्मन से क्षमा नहीं मांगी है।