महाराष्ट्र में कोरोना मामलों की तादाद 23 लाख के पार होने के एक दिन बाद राज्य सरकार ने फिर से कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। प्रदेश में कोरोना वायरस संकट को नियंत्रित करने के लिए टोटल लॉकडाउन के बजाय "50 प्रतिशत का सख्त प्रतिबंध" लागू किया गया है। बता दें कि राज्य में वायरस के प्रकोप के एक साल बाद एक बार फिर व्यापार, व्यवसाय और व्यावसायिक गतिविधियों, सामाजिक गतिविधियों आदि पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं।
नए निर्देशों के अनुसार, होटल, रेस्तरां, सिनेमा, और मल्टीप्लेक्स को केवल 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने की अनुमति होगी, शॉपिंग मॉल कड़े कोविड प्रोटोकॉल को लागू करेंगे, और सभी सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसी तरह सभी कार्यालय वर्क फ्रॉम होम के साथ 50 प्रतिशत स्टाफ मानदंडों का पालन करेंगे, और उपलब्ध स्थानों के आधार पर सभी पूजा स्थलों में प्रवेश को सख्ती से विनियमित किया जाएगा। मानदंड के उल्लंघन पर दंडित भी किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि वायरस पर अंकुश लगाने के लिए शादियों और अन्य सामाजिक समारोहों के लिए अन्य उपायों के अलावा कड़े नियम लागू किए जा रहे हैं। अधिसूचना के अनुसार, शादियों की अतिथि सीमा 50 और 20 शोकसभाओं में रखी गई है।
बता दें कि पिछले हफ्ते, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चेतावनी दी थी कि अगर लोग वायरस के खिलाफ युद्ध में सहयोग करने में विफल रहे तो सख्त प्रतिबन्ध लगाए जाएंगे।
टोपे ने कहा कि हालांकि लॉकडाउन एक विकल्प नहीं हो सकता है, सख्त कार्रवाई कर रहे हैं, और इसलिए सरकार ने 31 मार्च तक मौजूदा उपायों को सख्त करने की घोषणा की है।
टोपे ने कहा, "लगभग 85 प्रतिशत मामले एसिमटोमेटिक होते हैं और उन्हें घरेलू उपचार की सलाह दी जाती है, और मृत्यु दर कम होती है। सरकार 3-Ts - ट्रैकिंग, परीक्षण, उपचार पर काम कर रही है और उपचार सुविधाओं में तेजी आ रही है।"
उन्होंने कहा कि राज्य में सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने के प्रयासों से टीकाकरण में तेजी आई है। जबकि टीकों की कोई कमी नहीं है, टोपे ने 60 से ऊपर के सभी लोगों से अपील की कि वे जल्द से जल्द अपनी खुराक प्राप्त करें।