यह पहल ऐसे समय में सामने आई है जब यह पाया गया है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), उनके कैडर नियंत्रण प्राधिकार के पास मंत्रालय से आईएएस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के संबंध में प्रस्ताव उक्त अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की तिथि करीब आने के समय प्राप्त होती है।
डीओपीट ने अपने ताजा दिशा निर्देश में कहा, ‘ मंत्रालयों या विभागों की ओर से प्रस्ताव भेजने में देरी के कारण कैडर नियंत्रण प्राधिकार को अक्सर प्रस्ताव की जांच पूरा करने और अधिकारियों की सेवानिवृत्ति से पहले अनुशासनात्मक प्राधिकार से मंजूरी प्राप्त करने में कठिनाई पेश आती है।’ इसमें कहा गया है कि सरकारी संगठनों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग की एक शाखा के रूप में काम करने वाले संबंधित मंत्रालयों के मुख्य सतर्कता अधिकारी आईएएस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के संबंध में इन मामलों की मासिक आधार पर समीक्षा करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि जो लोग एक साल के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनका ब्योरा तिमाही रिपोर्ट में होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि असंतोषजनक प्रदर्शन और लोक सेवा प्रदान करने में देरी के कारण 45 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को दंडित किया गया है।
सभी केंद्र सरकार के मंत्रालयों को जारी दिशा निर्देश में डीओपीटी ने कहा कि उन सभी मामलों में जहां मंत्रालय ने भारत सरकार के अधीन आईएएस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्णय किया है, इनके बारे में सीवीसी से प्रथम स्तर का सुझाव प्राप्त होने के तीन महीने के भीतर कैडर नियंत्रण प्राधिकार को प्रस्ताव भेज दिए जाएं।
डीओपीटी ने कहा कि अगर किसी मामले में जिस अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक प्रक्रिया शुरू करने पर विचार किया जा रहा हो, इसके अगले एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत्त होने की संभावना हो, तब संबंधित मंत्रालय या विभाग के सीवीओ प्रस्ताव पूरा करके कैडर नियंत्रण प्राधिकार को भेजना सुनिश्चित करेंगे।