समाचारों में निष्पक्षता पर जोर देते हुए केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को कहा कि एंकर आधारित सामग्री वाले चैनलों की भरमार है लेकिन राष्ट्रीय राजधानी से बाहर की घटनाओं की कवरेज और तथ्य देखने को आतुर दर्शकों की जरूरतों को पूरा करने में अभी बहुत गुंजाइश बाकी है। जेटली ने कहा, हालांकि चैनलों, अखबारों की भरमार है, लेकिन उन्हीं घटनाओं की खबरें दिखाई जाती हैं, जिन्हें संबद्ध चैनल, एंकर अथवा संपादक दिखाने लायक मानते हैं। देश और सब तरफ बहुत सी गतिविधियां हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि एक तथ्यपूर्ण खबर को कभी दबाया नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा में दिखाई जाने वाली खबरों और एंकर आधारित खबरों की भी अपनी अहमियत होती है, लेकिन तथ्य को जानने के इच्छुक लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में अभी बड़ी गुंजाइश बाकी है। उन्होंने कहा कि इन हालात में दर्शकों को अपनी आदतें बदलनी होंगी। उन्हें सिर्फ दिल्ली में दिलचस्पी रखने की बजाय देश दुनिया की राजनीति, अर्थव्यवस्था और अन्य घटनाओं के बारे में जानने की जिज्ञासा भी दिखानी चाहिए।
जेटली ने कहा, ऐसे में मुझे लगता है कि यह एक तरह का सम्मिश्रण है एंकर आधारित खबरिया चैनलों, जिसके समाचार सत्ता के गलियारों तक सीमित रहते हैं और जाहिर है कि आपको उन्हें देखना होता है और इसके साथ ही अगर आप ज्यादा दुनिया जहान के विस्तृत समाचारों के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको कुछ मिनट बीबीसी, कुछ मिनट दूरदर्शन देखने में लगाने होते हैं इससे कम से कम मुझे तो एक व्यापक तस्वीर मिल जाती है। प्रसार भारती एप्प की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी क्षमता उनकी निष्पक्षता और सतत अद्यतन पर निर्भर करेगी।
समाचार आज के समय में महत्वपूर्ण हैं, जब तक कि कोई अगली घटना न हो जाए। ई बुक इंडिया 2015, जिसका अनावरण भी जेटली ने किया, का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह लगभग एक ज्ञानकोष ही है। इसके अलावा सूचना और प्रसारण मंत्रालय की एक ई बुक का लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राजवरधन राठौर, सूचना और प्रसारण सचिव बिमल जुल्का और प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार भी मौजूद थे।