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दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व अध्यक्ष ई अबूबकर की चिकित्सा आधार पर कोर्ट में दायर एक जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पीएफआई के देश के विभिन्न में ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिसके बाद अबूबकर को गिरफ्तार किया गया। तबसे वह एनआईए की हिरासत में है।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने 70 वर्षीय याचिकाकर्ता की जमानत खारिज करते हुए कहा, "एनआईए (कानून) एक विशेष अधिनियम है। जिसका खिलाफ हमारे पास जमानत याचिका पर आदेश देने का अधिकार नहीं है।"
उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में अबूबकर ने बताया कि वह कैंसर, पार्किंसंस रोग और मधुमेह सहित विभिन्न गंभीर बीमारियों से पीड़ित है। जिसके लिए उसे रिहाई दी जाए। उन्होंने याचिका में आगे बताया कि वह अपने बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण 1अक्टूबर को अंतरिम रिहाई के लिए एक आवेदन किया था। लेकिन निचली अदालत ने उसे राहत देने से इनकार कर दिया और इसके बजाय उसकी पुलिस रिमांड छह दिनों के लिए बढ़ा दी।
28 सितंबर को लगाए गए राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध से पहले बड़े पैमाने पर छापेमारी के दौरान कई राज्यों में बड़ी संख्या में कथित पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था।
केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, दिल्ली और राजस्थान सहित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गिरफ्तारियां की गईं।