वायु-गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों के कई हिस्सों में हवा की गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन भी, ‘खतरनाक’ बनी हुई है। पराली जलाने की घटनाओं ने इस प्रदूषण को और बढ़ा दिया है। इस साल पराली जलाने के मामले भी बढ़े हैं। पंजाब-हरियाणा में खेतों में फसल के अवशेष जलाने से दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है। इस क्षेत्र में बहने वाली तेज हवाओं के कारण पंजाब और हरियाणा का धुआं दिल्ली की सेहत बिगाड़ रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में स्थिति गंभीर
गुरुवार सुबह 11:30 बजे, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 412 पर था, जो कि गंभीर’ श्रेणी में आता है। नोएडा में तो हालत दिल्ली से भी खराब है। वहां एक्यूआई 527 के करीब था जबकि गाजियाबाद को भी धुएं के गुबार ने ढक रखा था।
दिल्ली के कई लोगों ने खराब मौसम को महसूस किया। हांफते हुए धुएं के बीच लोगों का कहना था कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण का स्तर वाकई बढ़ गया है। कई लोगों की शिकायत थी कि घुटन महसूस करने के कारण वे खुले में सुबह व्यायाम नहीं कर पा रहे हैं। गाजियाबाद में भी आंखों में जलन और सांस लेने की तकलीफ के कई मामले सामने आए।
बढ़े हैं पराली जलाने के मामले
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पीआरएससी) का कहना है कि इस साल पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। पीआरएससी के एसीएम डिविजन के प्रमुख अनिस सूद का कहना है, “अगर हम 23 सितंबर से 21 अक्टूबर तक के रिकॉर्ड देखें तो पिछले साल से आग की घटनाएं बढ़ी हैं। अब तक, खेतों में फसल के अवशेष जलाने की 3466 घटनाएं हुई हैं। पिछले साल, 21 अक्टूबर तक यह आंकड़ा 2575 था।”
आग के 736 मामलों के साथ तरनतारन सूची में सबसे ऊपर है। 597 मामलों के साथ अमृतसर दूसरे स्थान पर और 439 घटनाओं के साथ पटियाला तीसरे स्थान पर रहा। फिरोजाबाद में, लगभग 311 आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि गुरुदासपुर में 239 के आसपास ऐसी घटनाएं दर्ज की गईं।
ऑड-ईवन से प्रदूषण पर अंकुश
वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 4 से 15 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना लागू करने की घोषणा की है।