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CBSE पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस ने 2 शिक्षक समेत 3 को किया गिरफ्तार

पुलिस की अपराध शाखा ने सीबीएसई की12 वीं कक्षा के अर्थशास्त्र के पेपर लीक मामले में दिल्ली के बवाना...
CBSE पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस ने 2 शिक्षक समेत 3 को किया गिरफ्तार

पुलिस की अपराध शाखा ने सीबीएसई की12 वीं कक्षा के अर्थशास्त्र के पेपर लीक मामले में दिल्ली के बवाना इलाके के एक निजी स्कूल के दो शिक्षकों समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आज यह जानकारी दी।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि आरोपियों की पहचान निजी स्कूल के शिक्षकों ऋषभ और रोहित के तौर पर की गई है जबकि तौकीर नाम का तीसरा आरोपी बवाना में एक कोचिंग सेंटर में ट्यूटर है। पुलिस ने कहा कि तौकीर ने कथित तौर पर परीक्षा शुरू होने से आधे घंटे पहले अर्थशास्त्र का पर्चा लीक किया और वाट्सएप के जरिये शिक्षकों को भेजा।

दिल्ली पुलिस ने पर्चा लीक होने के सिलसिले में दो मामले दर्ज किये हैं। सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक की शिकायत के बाद अर्थशास्त्र का पर्चा लीक होने के सिलसिले में पहला मामला27 मार्च को दर्ज किया गया था और गणित का पर्चा लीक होने के संबंध में दूसरा28 मार्च को दर्ज किया गया था।

कक्षा 10 का गणित और कक्षा12 का अर्थशास्त्र का पर्चा क्रमश: 28 और 26 मार्च को हुआ था। सीबीएसई लीक मामले में क्राइम ब्रांच ने 60 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की इनमें वाट्सएप के10 से ज्यादा समूहों के एडमिनिस्ट्रेटर शामिल हैं, जिनमें लीक हुए प्रश्नपत्र शेयर किये गये थे। जांच से जुड़ी जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों से पूछताछ हुई उनमें ट्यूटर और छात्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी और से यह पेपर मिले थे। उन्होंने कहा कि इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि इन पेपरों को साझा करने के लिये रूपयों का लेनदेन हुआ।

दोबारा परीक्षा कराने को कोर्ट में चुनौती

सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई द्वारा दो पेपर की दोबारा परीक्षा लिए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा है कि जो परीक्षा हुई है उसी के आधार पर नतीजा घोषित किया जाए और मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।

याचिकाकर्ता की ओर से वकील आशुतोष गर्ग ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सीबीएसई को पक्षकार बनाया है। याचिका में कहा गया है कि मामले की छानबीन क्राइम ब्रांच कर रही है और बिना जांच पूरी हुए 10वीं का मैथ्स और 11वीं के अर्थशास्त्र पेपर को दोबारा करवाने का फैसला ले लिया गया है। इस फैसले को याचिका में मनमाना और स्टूडेंट्स के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया गया है।

याचिका में लिखा है, 'बिना छानबीन के ये पता नहीं चल सकता कि जिम्मेदार कौन है। बिना छानबीन पूरी हुए ये पता नहीं चल पाएगा कि बाकी पेपर का क्या हाल हुआ है? सिर्फ छानबीन से पता चल पाएगा कि बाकी और कौन से पेपर लीक हुए। बिना छानबीन के दोबारा दो पेपर की परीक्षा कराना सही नहीं है। यह भी सही नहीं है कि सिर्फ दो पेपर की परीक्षा दोबारा हो। जिनका पेपर दोबारा हो रहा है उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है क्योंकि उन्हें प्रतियोगी परीक्षा के पेपर की तैयारी का मौका नही मिल पायेगा।'

याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी को पता चल गया था कि पेपर लीक हुआ है बावजूद इसके 12वीं का अर्थशास्त्र का पेपर 26 मार्च को हुआ। इसी तरह 10वीं मैथ्स पेपर लीक हुआ फिर भी उसे रोका नहीं गया। फिर इस मामले में भी क्राइम ब्रांच को 28 मार्च को शिकायत की गई। छानबीन जारी है और दोबारा परीक्षा लेने को घोषणा  कर दी गई। जो मनमाना और संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है। याचिका में दोबारा परीक्षा के फैसले को रद्द करने की गुहार लगाई गई है। साथ ही कहा गया है कि मौजूदा हुई परीक्षा के आधार पर रिजल्ट घोषित हों और मामले को सीबीआई के हवाले किया जाए।

 

 

 

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