गहलोत ने आज एक बयान जारी कर कहा कि यह सभी जानते है कि चाहे कोई किसी भी राजनैतिक दल का व्यक्ति हो, नगर पार्षद, विधायक या सांसद का चुनाव लड़ता है, उसकी शुरूआत चंदे के पैसों से होती है। यहीं से भ्रष्टाचार शुरू हो जाता है, ऐसे में कालेधन को समाप्त कर देने जैसी बातें आडंबर के सिवाय कुछ नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कालेधन को समाप्त करने का उद्देश्य अच्छा हो सकता है, मगर बिना तैयारी के उठाये गये इसे कदम से आज किसान, मजदूर एवं आम नागरिक बूरी तरह दुखी है, क्योंकि अपना पैसा निकालने के लिए उसे घंटों लाईन में लगना होता है, फिर भी बैंक से पैसा नहीं मिलना दुर्भाग्य की बात है। अब तो लोगों का विश्वास करेंसी से भी और बैंकों से भी उठता जा रहा है, पता नहीं सरकार कब क्या फैसला कर दें।
गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री अब गरीबों के लिए बड़ी-बड़ी बातें बोल रहें है। इतिहास गवाह है कि भारतीय जनता पार्टी ने कभी भी गरीबों, मजदूरों और किसानों की परवाह नहीं की। यह पार्टी बड़े-बड़े उद्योगपतियों एवं व्यापारियों की परवाह करती आयी है। इनके बड़े-बड़े जुमलों पर उन्होंने कहा कि यह वक्त बतायेगा कि स्थिति क्या बनती है
उन्होंने कहा, राजनैतिक चंदा कालेधन की जननी है, उस पर कोई चर्चा नहीं करना चाहता है, दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं पुनः कहना चाहता हूं कि मेरी दृष्टि में इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चाहिए कि सभी राजनैतिक दलों के नेताओं से चर्चा कर, ऐसे नतीजों पर पहुंचना चाहिए, जिससे कालाधन वे भ्रष्टाचार पर पूरी तरह अंकुश लग सके।
भाषा