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जामिया में प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए 50 छात्र रिहा, तनाव बरकरार

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दक्षिण दिल्ली में रविवार रात हुई जबरदस्त हिंसा के बाद हुई पुलिस...
जामिया में प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए 50 छात्र रिहा, तनाव बरकरार

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दक्षिण दिल्ली में रविवार रात हुई जबरदस्त हिंसा के बाद हुई पुलिस कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिए गए जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के 50 छात्रों को सोमवार सुबह रिहा कर दिया गया। गौरतलब है कि रविवार को विरोध-प्रदर्शन के दौरान आगजनी, तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने छात्रों को हिरासत में ले लिया था। छात्रों के रिहा होने के बाद पुलिस मुख्यालय पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने अपना धरना खत्म कर दिया। लेकिन विश्वविद्यालय के कई छात्र पुलिस कार्रवाई के खिलाफ विरोध जता रहे हैं। 

दिल्ली पुलिस के पीआरओ एम.एस. रंधावा ने बताया कि 50 में से 35 छात्रों को कालकाजी पुलिस स्टेशन से, जबकि 15 छात्रों को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन से रिहा किया गया है।

तोड़फोड़-आगजनी के आरोप

प्रदर्शनकारियों पर आरोप है कि उन्होंने तीन बसों को फूंक दिया, कई वाहनों में तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने आग बुझाने आई दमकल की एक गाड़ी को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने पहले डीटीसी की एक बस को आग लगा दी और एक फायर टेंडर में तोड़-फोड़ की।

कैंपस में घुसकर छात्रों की पिटाई

वहीं दूसरी तरफ जामिया प्रशासन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कैंपस में घुसकर छात्रों की बर्बरतापूर्वक पिटाई की। जामिया के चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि पुलिस जबरदस्ती कैंपस में घुसी और वहां छात्रों और स्टाफ को को मारा गया। छात्रों को जबरदस्ती बाहर निकाला गया। छात्रों का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस जबरदस्ती लाइब्रेरी में घुस गई और वहां छात्रों के साथ मारपीट की गई।

जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने बताया कि जामिया की छात्राओं ने आज के विरोध का आह्वान नहीं किया था। मुझे बताया गया कि जामिया के पास कॉलोनियों से जुलैना की ओर मार्च करने के लिए आह्वान किया गया था। वे पुलिस से भिड़ गए और विश्वविद्यालय का गेट तोड़ने के बाद परिसर के अंदर घुस गए। उन्होंने कहा कि पुलिस लाइब्रेरी में बैठे प्रदर्शनकारियों और छात्रों के बीच अंतर नहीं कर सकी। कई छात्र और कर्मचारी घायल हो गए। इतना हंगामा हुआ कि पुलिस अनुमति नहीं ले सकी। मुझे अपने छात्रों की शांति और सुरक्षा की उम्मीद है।

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिया पुलिस को निर्देश

इससे पहले दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) ने कालकाजी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के घायल छात्रों को रिहा करने या उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाने का निर्देश दिया था। आयोग की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि घायल छात्रों को हिरासत में किसी प्रकार की समस्या होने पर एसएचओ जिम्मेदार होंगे। डीएमसी के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम ने कालकाजी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को सोमवार 3 बजे तक अनुपालन रिपोर्ट फाइल करने का निर्देश दिया है। जिसके आधार पर आयोग जरूरी कार्रवाई करेगा।

मामले की जांच की मांग

कांग्रेस ने दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भिड़ंत के मामले पर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने छात्रों की बर्बरतापूर्वक पिटाई का विरोध किया है। वहीं हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी निष्पक्ष तरीके से इस मामले की जांच की मांग की है।

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