जैदी ने पीटीआई से कहा, एक आयोग के रूप में कानून मंत्रालय को हमारी सिफारिश है कि देश में राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक साथ आयोजित कराए जाएं। ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग के निमंत्रण पर इंटरनेशन इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम में शिरकत करने आए जैदी ने कहा, इन चुनावों को एक साथ करवाने के लिए हमें और अधिक इलेक्ट्रॉनिक मशीनें खरीदने, अस्थायी कर्मचारियों को नियुक्त करने और चुनाव तिथियों में बदलाव जैसे कुछ प्रबंध करने होंगे। उन्होंने कहा, हमने ऐसी ही एक सिफारिश इस मुद्दे की जांच करने वाली संसदीय समिति से भी की थी और समिति ने भी यह सुझाव दिया था कि इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों के बीच पर्याप्त बहस होनी चाहिए क्योंकि कुछ राज्यों (की तिथियों) को आगे लाने और कुछ को पीछे खिसकाने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा। सीईसी ने कहा, यदि विभिन्न राजनीतिक दलों में आम सहमति और इस सुझाव पर एक राय बनती है और संविधान में संशोधन हो जाते हैं तो हम अपने इस प्रस्ताव पर कायम हैं कि चुनाव एक साथ करवाए जा सकते हैं।
इस कार्यक्रम का आयोजन यहां आने वाले 19 आयुक्तों का परिचय ऑस्ट्रेलियाई चुनाव प्रणाली से करवाने के लिए किया गया। जब जैदी से पूछा गया कि ऑस्ट्रेलियाई चुनाव प्रणाली या प्रक्रियाओं से भारत क्या सीख सकता है तो उन्होंने कहा कि आयोग डाक से मतदान की सुविधा को विस्तार देने की संभावना पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा, इस समय हमारे पास डाक के जरिए मतदान करने वालों की संख्या कम है लेकिन हमें यह जांच करनी होगी कि क्या हम इसे अन्य मतदाताओं के लिए विस्तार दे सकते हैं? जैदी ने यह भी कहा कि आयोग ने एनआरआई मतदाताओं को उनके मूल देश में चुनावों का हिस्सा बनने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों को ऑनलाइन पंजीकरण के लिए सक्रिय रूप से जोड़ रहा है क्योंकि अब तक मतदान के लिए पंजीकृत एनआरआई लोगों की संख्या 30 हजार से कम रही है।
भाषा (एजेंसी)