संसद के संयुक्त अधिवेशन में अपने अभिभाषण में उन्होंने कहा सरकार द्वारा उठाए गए कई निर्णायक कदमों के कारण मुद्रास्फीति और विशेष तौर पर खाद्य मुद्रास्फीति रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर है।
थोक मुद्रास्फीति पिछले तीन महीने में दूसरी बार शून्य से नीचे चली गई और पेटोलियम और खाद्य मूल्य में गिरावट के कारण यह जनवरी में शून्य से 0.39 प्रश्तिात कम के साढ़े पांच साल के न्यूनतम स्तर पर आ गई।
कुल मिलाकर खाद्य मुद्रास्फीति आठ प्रतिशत रही।
राष्टपति ने कहा कि सरकार के सतत प्रयासों और विभिन्न तरह की नीतिगत पहलों के कारण हमारी अर्थव्यवस्था फिर से उच्च वृद्धि के मार्ग पर आ गई है।
ताजा अनुमान के मुताबिक भारत का सकल घरेलू उत्पाद 7.4 प्रतिशत की दर से गुजर रहा है जिससे देश विश्व में सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है।
मुखर्जी ने कहा कि पूंजी-सृजन बढ़ गया है जो पिछले कुछ सालों से लगभग ठहराव के दौर से गुजर रहा था।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बाजार में उछाल है और भारत का वाय क्षेत्रा अपेक्षाकृत बहुत लचीला है विशेष तौर पर चालू खाते के घाटे में नरमी और आम तौर पर स्थिर रपए के कारण।