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अंबानी और जनता दोनों के लिए सुविधा हो: मोदी

निवेश एवं प्रौद्योगिकी हासिल करने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन देशों फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा पर रवाना हुए। इस दौरान असैन्य परमाणु एवं रक्षा सहित कई मुद्दों पर बातचीत होगी। प्रधानमंत्री नौ दिनों की इस यात्रा के दौरान सबसे पहले फ्रांस जाएंगे।
अंबानी और जनता दोनों के लिए सुविधा हो: मोदी

निवेश एवं प्रौद्योगिकी हासिल करने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन देशों फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा पर रवाना हुए। इस दौरान असैन्य परमाणु एवं रक्षा सहित कई मुद्दों पर बातचीत होगी। प्रधानमंत्री नौ दिनों की इस यात्रा के दौरान सबसे पहले फ्रांस जाएंगे। इस यात्रा से पहले एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र अब भी कर आतंकवाद व चुनिंदा छूट जैसे पुराने मुद्दों पर ही अटका हुआ। मोदी ने कहा कि केवल मुकेश अंबानी के लिए लालफीताशाही खत्म हो, आम जनता के लिए नहीं, ऐसा नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनका काम किसी के मुंह में निवाला देना नहीं है। उद्योग यदि सरकार की नीतियों के अनुकूल हैं तो वे उसके साथ जुड़ें, अन्यथा वे वहीं बने रहें जहां हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार आम आदमी के लिए काम कर रही है। उनकी प्राथमिकता देश की गरीब जनता है। उन्होंने कहा है कि यह उद्योगों का काम है कि वे राजकाज में सुधार की प्रक्रिया के लिए किए गए उपायों का फायदा उठाने के लिए कदम बढाएं। उन्होंने कहा, सरकार का काम सभी के लिए सुशासन देना है। मेरी सरकार नीतियां बनाएगी..अगर आप उसमें ठीक बैठते हैं तो उसके साथ चलिए, अन्यथा जहां हैं वहीं बने रहिए।

गौरतलब है कि विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप लगा रहा है कि उसकी नीतिया सिर्फ कॉरपोरेट हित में बनाई जा रही हैं। इस छवि से उबरने के लिए सरकार लगातार हाथ-पांव मार रही है और प्रधानमंत्री के बयान को इसी संदर्भ में देखे जाने की जरूरत है।

पेरिस में मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से बातचीत करेंगे और कारोबारी नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। बातचीत का फोकस असैन्य परमाणु, रक्षा एवं व्यापार पर होगा। चार दिनों की फ्रांस यात्रा के दौरान मोदी ओलांद के साथ नौका की भी सवारी करेंगे। इसे नाव पे चर्चा का नाम दिया जा रहा है। इससे पहले मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित कई अन्य नेताओं के साथ चाय पे चर्चा कर चुके हैं। फ्रांस में प्रधानमंत्री प्रथम विश्व युद्ध का स्मारक देखने भी जाएंगे और उन 10,000 भारतीयों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे जिन्होंने फ्रांस के निकट लड़ते हुए अपनी जान गंवाई थी। वह यूनेस्को मुख्यालय, एयरबस की इकाई और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी के दफ्तर भी जाएंगे।

फ्रांस से मोदी जर्मनी जाएंगे जहां एक बार फिर उनका फोकस व्यापार और प्रौद्योगिकी होगा। उनका मकसद मेक इन इंडिया में विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ाना होगा। यहां प्रधानमंत्री पहले हनोवर मेला में जाएंगे जहां इस साल भारत एक साझेदार है। इस मेले में करीब 400 भारतीय कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। इसमें करीब 3000 जर्मन प्रतिनिधिमंडलों के अलावा 100-120 भारतीय सीईओ भी शिरकत करेंगे। मोदी जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के साथ मेले में भारतीय पैविलियन का उद्घाटन करेंगे और भारत-जर्मनी व्यापार सम्मेलन को संबोधित करेंगे। मोदी हनोवर में महात्मा गांधी की एक आवक्ष प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। दोनों नेता बर्लिन में विस्तृत वार्ता करेंगे जिसका फोकस यह होगा कि विकास के एजेंडे में जर्मनी भारत के साथ कैसे काम कर सकता है। प्रधानमंत्री रेलवे के आधुनिकीकरण के अपनी सरकार के एजेंडे के बीच बर्लिन के एक रेलवे स्टेशन को देखने जाएंगे। वह सिमेंस कंपनी की इकाई का भी दौरा करेंगे। अपने दौरे के तीसरे और आखिरी चरण में मोदी कनाडा जाएंगे। पिछले 42 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली कनाडा यात्रा होगी। ऐसी आखिरी यात्रा 1973 में हुई थी। परमाणु ऊर्जा, व्यापार एवं निवेश सहित कई मुद्दों पर मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के बीच बातचीत होगी।

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